ईडी ने 17,000 करोड़ के बैंक लोन फ्रॉड केस में रिलायंस ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन अनिल अंबानी को समन जारी किया है। ईडी ने उन्हें 5 अगस्त को दिल्ली स्थित मुख्यालय में पूछताछ के लिए पेश होने को कहा है।
By: Arvind Mishra
Aug 01, 202510:21 AM
मुंबई। स्टार समाचार वेब
ईडी ने 17,000 करोड़ के बैंक लोन फ्रॉड केस में रिलायंस ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन अनिल अंबानी को समन जारी किया है। ईडी ने उन्हें 5 अगस्त को दिल्ली स्थित मुख्यालय में पूछताछ के लिए पेश होने को कहा है। पिछले हफ्ते ईडी ने प्रिवेंशन आफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत दिल्ली से लेकर मुंबई तक रिलायंस ग्रुप से जुड़े लगभग 35 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इन छापेमारियों के दौरान कई दस्तावेज, वित्तीय लेनदेन, डिजिटल रिकॉर्ड और अन्य सबूत जब्त किए गए। दरअसल, ईडी ने रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन और एमडी अनिल अंबानी को लोन फ्रॉड केस की चल रही जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए तलब किया है। उन्हें 5 अगस्त को नई दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है। इससे पहले केंद्रीय एजेंसी ने अनिल अंबानी से जुड़ी व्यावसायिक संस्थाओं पर छापेमारी की थी। पिछले सप्ताह ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत रिलायंस ग्रुप से जुड़ी 50 व्यावसायिक संस्थाओं और 25 व्यक्तियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। ये छापे मुंबई में कम से कम 35 जगहों पर मारे गए थे। यह छापेमारी 24 जुलाई को कथित बैंक लोन फ्रॉड से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग केस के अलावा कुछ कंपनियों द्वारा करोड़ों की वित्तीय अनियमितताओं के कई अन्य आरोपों के तहत की गई थी।
केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दो एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद ईडी ने यह छापेमारी की। ईडी ने पहले कहा था कि जांच मुख्य रूप से 2017-2019 के बीच अनिल अंबानी की कंपनियों को यस बैंक द्वारा दिए गए अवैध लोन डायवर्जन के आरोपों से संबंधित है। अनिल अंबानी की कंपनियों को लोन दिए जाने से ठीक पहले, यस बैंक के प्रमोटरों को उनके व्यवसाय में धन प्राप्त हुआ था। एजेंसी रिश्वत और लोन के इस गठजोड़ की जांच कर रही है।
जांच में कई अनियमितताएं पाई गईं, जिनमें खराब या असत्यापित वित्तीय स्रोतों वाली कंपनियों को लोन जारी करना, लोन लेने वाली संस्थाओं में एक ही निदेशक और पते का उपयोग, लोन फाइलों में आवश्यक दस्तावेजों का नहीं होना, शेल कंपनियों के नाम लोन मंजूर करना, मौजूदा कर्ज को चुकाने के लिए नए लोन दिए गए।
अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप की दो कंपनियों रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने 26 जुलाई को स्टॉक एक्सचेंज को सूचित करते हुए कहा कि वे इस कार्रवाई को स्वीकार करते हैं, लेकिन छापों का उनके बिजनेस आॅपरेशन, फाइनेंशियल परफॉर्मेंस, शेयर होल्डर्स, स्टाफ या किसी अन्य स्टेकहोल्डर्स पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
कई नियामक और वित्तीय निकायों ने अपने निष्कर्ष ईडी के साथ साझा किए हैं, जिनमें नेशनल हाउसिंग बैंक, सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड आॅफ इंडिया, नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी और बैंक आॅफ बड़ौदा शामिल हैं। सेबी ने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप की कंपनी, रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड में गंभीर अनियमितताओं को उजागर करने वाली एक रिपोर्ट पेश की है। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी का कॉपोर्रेट लोन पोर्टफोलियो वित्त वर्ष 2017-18 के 3,742 करोड़ से लगभग दोगुना होकर वित्त वर्ष 2018-19 में 8,670 करोड़ हो गया। रिलायंस कम्युनिकेशंस और खुद उनको फ्रॉड अकाउंट्स के रूप में क्लासिफाइड किया है।