तमाम लोगों की निगाहें आज होने वाली जीएसटी काउंसिल मीटिंग पर टिकी हुई है। ये बैठक 3 से 4 सितंबर के बीच नई दिल्ली में सुबह 11 बजे आयोजित की जाएगी। इस बैठक के दौरान जीएसटी स्लैब में कमी को लेकर अहम फैसले लिए जा सकते हैं। सबसे पहले जानते हैं कि ऐसी कौन-सी वस्तुएं होने वाली है, जिनमें टैक्स घटकर शून्य हो सकता है। इसका मतलब है कि इन वस्तुओं पर आपको कोई टैक्स नहीं देना पडेगा।
By: Arvind Mishra
तमाम लोगों की निगाहें आज होने वाली जीएसटी काउंसिल मीटिंग पर टिकी हुई है। ये बैठक 3 से 4 सितंबर के बीच नई दिल्ली में सुबह 11 बजे आयोजित की जाएगी। इस बैठक के दौरान जीएसटी स्लैब में कमी को लेकर अहम फैसले लिए जा सकते हैं। सबसे पहले जानते हैं कि ऐसी कौन-सी वस्तुएं होने वाली है, जिनमें टैक्स घटकर शून्य हो सकता है। इसका मतलब है कि इन वस्तुओं पर आपको कोई टैक्स नहीं देना पडेगा। दरअसल, जीएसटी परिषद की बुधवार और गुरुवार को होने वाली बैठक के साथ अगली पीढ़ी के कर सुधारों की योजनाबद्ध शुरुआत हो जाएगी। इससे आने वाले महीनों में अर्थव्यवस्था पूरी तरह से खुली और पारदर्शी हो जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी 2.0 से कारोबारियों के अनुपालन बोझ में और कमी आएगी। छोटे व्यवसायों के लिए फलना-फूलना आसान हो जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी ने अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए एक टास्क फोर्स के गठन की घोषणा की है। इसमें विनियमों को सरल बनाने और अनुपालन लागत घटाने पर जोर दिया गया है। स्टार्टअप और एमएसएमई के लिए अधिक सक्षम तंत्र बनाने का स्पष्ट अधिकार दिया गया है।
शिक्षा से जुड़े सामान होंगे जीएसटी फ्री
सरकार के पास शिक्षा से जुड़ी तमाम चीजों को भी जीएसटी से फ्री करने का भी प्रस्ताव है। काउंसिल की बैठक में मानचित्र, वॉटर सर्वे चार्ट, एटलस, दीवार मानचित्रों, ग्लोब, मुद्रित शैक्षिक चार्ट, पेंसिल-शार्पनर के साथ ही प्रैक्टिस बुक, ग्राफ बुक और लैबोरेटरी नोटबुक को जीएसटी से छूट मिल सकती है, जिनपर अभी 12 प्रतिशत टैक्स लागू है।
किन वस्तुओं पर लगेगा शून्य टैक्स
दावा किया जा रहा है कि 47 आइटम ऐसे होने वाले हैं, जिनमें शून्य टैक्स लगाया जा सकता है। इन वस्तुओं पर आपको टैक्स देने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि इस बात की अभी पुष्टि नहीं हुई है। शून्य टैक्स ऐसी वस्तुओं पर लगाया जा सकता है, जो रोजमर्रा में इस्तेमाल होते हो। जरूरी वस्तुएं जैसे पनीर, पिज्जा ब्रेड, खाखरा, चपाती और रोटी जैसी खाद्य वस्तुओं पर कोई टैक्स नहीं लगेगा या फिर 5 फीसदी टैक्स लगाया जा सकता है। ऐसे ही स्टेशनरी, चिकित्सा उपकरण और दवाइयों पर कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा या फिर 5 फीसदी टैक्स लिया जा सकता है।
किस पर कितना टैक्स
जीएसटी टैक्स स्लैब में कुछ इस तरह से बदलाव हो सकता है। 12 फीसदी टैक्स स्लैब वाले 99 फीसदी प्रोडक्ट 5 फीसदी वाली कैटेगरी आ जाएंगे। 28 फीसदी टैक्स स्लैब में आने वाली वस्तु 18 फीसदी टैक्स स्लैब में शामिल हो जाएंगे। इस तरह से 10 फीसदी तक टैक्स कम हो जाएगा।
ई-कारों पर लगेगा 28 फीसदी कर
दुनिया की दिग्गज कार कंपनियों टेस्ला, बीएमडब्ल्यू, बीवाईडी और मर्सिडीज-बेंज को जीएसटी के मोर्चे पर बड़ा झटका लग सकता है। केंद्र सरकार के पैनल ने 46,000 डॉलर (40 लाख रुपए तक) की महंगी एवं लग्जरी इलेक्ट्रिक कारों पर 18 फीसदी तक जीएसटी लगाने का प्रस्ताव दिया है। पैनल ने 20 लाख से 40 लाख की कीमत वाले ई-वाहनों के लिए जीएसटी की दर को वर्तमान 5 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी करने की सिफारिश की है। 40 लाख से अधिक कीमत वाली ई-कारों पर 28 फीसदी टैक्स लगाने का भी प्रस्ताव रखा है।
भारत का ईवी बाजार अभी छोटा
चूंकि, 28 फीसदी का स्लैब खत्म हो जाएगा, इसलिए जीएसटी परिषद के पास ई-वाहनों पर टैक्स बढ़ाकर 18 फीसदी करने या उन्हें विलासिता वस्तुओं वाले 40 फीसदी की श्रेणी में रखने का विकल्प रह गया है। भारत का ईवी बाजार अभी छोटा है, लेकिन तेज रफ्तार से बढ़ रहा है।
ई-कारों पर भारी-भरकम जीएसटी का प्रस्ताव घरेलू कंपनियों को भी प्रभावित कर सकता है। पर यह तब, जब कीमतें 20 लाख से ऊपर होंगी। अभी महिंद्रा और टाटा मोटर्स 20 लाख से कम कीमत वाले ई-वाहन ही बेच रही हैं। टेस्ला ने भारत में वाई मॉडल 65,000 डॉलर की शुरुआती कीमत पर लॉन्च किया है। बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज-बेंज और बीवाईडी भी महंगी एवं लग्जरी सेगमेंट ही कारें बेचती हैं।