2014 में इस्राइल और हमास के बीच युद्धविराम के एलान के दो घंटे बाद 23 साल के गोल्डिन की मौत हो गई थी। कई वर्षों तक गोल्डिन और एक अन्य सैनिक ओरॉन शॉल के पोस्टर इस्राइल की गलियों में दिखते थे।
By: Sandeep malviya
Nov 11, 20255:50 PM
यरुशलम। मध्य इस्राइल में 11 साल बाद गाजा से लौटे इस्राइली सैनिक के शव के अंतिम संस्कार में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। सैनिक के अंतिम संस्कार के दौरान हाथों में इस्राइल का झंडा लिए हुए भारी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। इसके चलते श्मशान और आस-पास की तमाम गलियां जाम हो गईं।
लेफ्टिनेंट हैदर गोल्डिन का अंतिम संस्कार उनके परिवार वालों के लिए भावुक कर देने वाला पल था। दरअसल, लेफ्टिनेंट के परिवार ने उनके शव को वापस इस्राइल लाने के लिए एक बड़ा सार्वजनिक अभियान चलाया था। हमास ने 9 नवंबर, 2025 को उनके शव का अवशेष इस्राइल को वापस भेजा। वहीं 7 अक्तूबर, 2023 को हमास के हमले में चार बंधकों के शवों को गाजा ले जाने के बाद इस्राइल के साथ युद्ध छिड़ गया था। ये शव अभी भी गाजा में ही हैं।
2014 में इस्राइल और हमास के बीच युद्धविराम के एलान के दो घंटे बाद 23 साल के गोल्डिन की मौत हो गई थी। कई वर्षों तक गोल्डिन और एक अन्य सैनिक ओरॉन शॉल के पोस्टर इस्राइल की गलियों में दिखते थे। वहीं, उनके परिवारों की ओर से शवों को वापस लाने के लिए अभियान चलाया जा रहा था।
इस्राइली सेना की ओर से बहुत पहले साफ कर दिया गया था कि गोल्डिन की हत्या हो चुकी है और सबूत के तौर पर सुरंग में उसकी खून से सनी शर्ट बरामद की गई थी। बीते वर्षों में गोल्डिन के शव की पहचान होने के बाद उनके परिजनों ने कई बार निराशा जाहिर की। परिजनों ने कहा था कि उनके बेटे का शव न इस्राइली सेना और न ही कोई अन्य वापस लेकर आया। इसे एक तरह से प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की आलोचना के तौर पर देखा गया।
वहीं, नेतन्याहू ने हालिया कैबिनेट बैठक में कहा, ''इस्राइली सैनिक का शव हमास के कब्जे में लंबे समय तक रहने से परिवार को बहुत पीड़ा झेलनी पड़ी। अब वे उसका अंतिम संस्कार कर सकेंगे।'' गौरतलब है कि ओरॉन शॉल का शव साल की शुरूआत में ही इस्राइल वापस आ गया था। गोल्डिन के परिजनों ने नाराजगी जताते हुए कहा, ''हैदर जंग लड़ने गया था और इस्राइली सेना ने उसे छोड़ दिया। इस्राइली सेना ने हमारे और उसके मानवीय अधिकारों को खत्म कर दिया।'' गोल्डिन के शव को वापस लाने की शुरूआती कोशिशों में दर्जनों फलस्तीनी मारे गए थे। फलस्तीन की ओर से इसे अंधाधुंध गोलीबारी बताया गया था। गोल्डिन के शव को पाने के लिए इस्राइल ने हैनीबेल प्रोटोकॉल लागू किया था। इसके तहत इस्राइली सेना को भारी हथियार और सैन्यबल के इस्तेमाल की छूट मिलती है।
गोल्डिन की तलाश में इस्राइली सेना ने गाजा शहर में भीषण गोलीबारी और एयरस्ट्राइक की थीं, जिनमें 110 फलस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। 2016 में भारी आलोचना के बाद हैनीबेल प्रोटोकॉल को रद्द कर दिया गया था। 2014 में हुई इस्राइल और हमास की जंग में 2200 फलस्तीनियों की मौत हो गई थी। इनमें सैकड़ों आम नागरिक शामिल थे और गाजा में बुनियादी ढांचों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था।