सिंगापुर के शांग्री-ला डायलॉग में सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने भारत-पाकिस्तान संबंधों पर साफ शब्दों में कहा कि अगर पाकिस्तान की तरफ से सिर्फ दुश्मनी ही मिले तो दूरी ही सबसे बेहतर रणनीति हो सकती है।
By: Star News
May 31, 202511:55 AM
-सीडीएस चौहान ने पाक को दिखाया आईना
-सिर्फ भारत नहीं बदला, रणनीति भी बदली
-भारत आज आगे, यह रणनीति का नतीजा
नई दिल्ली। भारत अब बिना रणनीति के नहीं चल रहा है। अगर पाकिस्तान की तरफ से सिर्फ दुश्मनी ही मिले तो दूरी ही सबसे बेहतर रणनीति हो सकती है। जब हमने आजादी पाई थी, तब पाकिस्तान सामाजिक विकास, जीडीपी, प्रति व्यक्ति आय से लेकर हर पैमाने पर हमसे आगे था, लेकिन आज भारत अर्थव्यवस्था, मानवीय विकास, सामाजिक समरसता समेत हर मोर्चे पर आगे है। यह संयोग नहीं, बल्कि रणनीति का नतीजा है। यह बात भारत के चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने सिंगापुर में आयोजित 22वें शांग्री-ला डायलॉग के दौरान कही। चौहान ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए 2014 की कूटनीतिक पहल को याद दिलाया, जब पीएम मोदी ने अपने शपथ ग्रहण में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आमंत्रित किया था। चौहान ने कहा कि, लेकिन तालियां बजाने के लिए दो हाथ चाहिए होते हैं। अगर बदले में सिर्फ शत्रुता ही मिले तो दूरी बनाए रखना भी एक समझदारी भरी रणनीति है।
हिंद महासागर पर फोकस
सीडीएस ने कहा कि हमारा हिंद महासागर क्षेत्र पर पूरा फोकस है। खासकर उत्तरी बंगाल की खाड़ी में। हमारी भूराजनैतिक स्थिति ऐसी है कि हम उत्तर की तरफ से हिल भी नहीं सकते, क्योंकि चीन के साथ तनाव जारी है। न ही हम पूर्व की तरफ बढ़ सकते हैं क्योंकि म्यांमार में अस्थिरता है। हम मध्य और पश्चिम एशिया से राजनीतिक रूप से जुड़े हैं, लेकिन भू-राजनीतिक रूप से अलग हैं। ऐसे में समुद्र हमारे लिए बेहद अहम हो जाता है। हमारे द्वीपीय क्षेत्र, हिंद महासागर में हमें गहराई तक पहुंच देते हैं, जो हमारे लिए रणनीतिक तौर पर फायदेमंद है। हमें समझदारी से इसका इस्तेमाल करना होगा।
स्वदेशी हथियारों से पाक को धूल चटा दी
भारत-पाकिस्तान के बीच हुई संघर्ष के दौरान भारत ने स्वदेशी हथियारों से पाक को धूल चटा दी। इस पर सीडीएस ने कहा कि हमने आकाश मिसाइल सिस्टम आदि स्वदेशी हथियारों का इस्तेमाल किया। अब हम अपना नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर भी बना रहे हैं ताकि बिना विदेशी वेंडर्स पर निर्भर हुए अपने एयर डिफेंस को बेहतर किया जा सके। हमने विभिन्न स्त्रोतों से रडार्स को एकीकृत किया और हालिया संघर्ष में ये काफी अहम साबित हुआ। रक्षा आधुनिकीकरण के लिए हम आत्म निर्भरता की तरफ बढ़ रहे हैं।