निक्की हेली ने लिखा कि 'अमेरिका और भारत को सबसे महत्वपूर्ण बात को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। चीन का सामना करने के लिए, अमेरिका का भारत के रूप में एक मित्र होना जरूरी है।'
By: Sandeep malviya
Aug 24, 20258 hours ago
वॉशिंगटन। अमेरिका की भारतवंशी रिपब्लिकन नेता निक्की हेली ने कहा है कि भारत को रूसी तेल पर राष्ट्रपति ट्रंप की बातों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को व्हाइट हाउस के साथ मिलकर इस मुद्दे का समाधान निकालना चाहिए और वो भी जितना जल्दी हो सके, उतना ही अच्छा होगा। निक्की हेली ने शनिवार को सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि 'व्यापारिक मतभेदों और रूसी तेल आयात जैसे मुद्दों से निपटने के लिए कठोर बातचीत की जरूरत है।'
निक्की हेली का यूटर्न
निक्की हेली ने पिछले हफ्ते न्यूजवीक के लिए लिखे अपने एक लेख का एक अंश सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया। यह लेख निक्की हेली ने भारत और अमेरिका के बीच जारी टैरिफ तनाव को लेकर लिखा है। पूर्व में निक्की हेली ने भारत पर टैरिफ लगाने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप की आलोचना की थी। हालांकि इसके चलते हेली को अपनी ही पार्टी में विरोध का सामना करना पड़ा। माना जा रहा है कि इसी के चलते अब निक्की हेली ने यूटर्न लेते हुए भारत से ट्रंप की बातों पर गंभीरता से विचार करने की अपील की है।
ट्रंप का किया समर्थन
निक्की हेली ने लिखा कि 'भारत द्वारा रूस से भारी मात्रा में तेल खरीदने पर ट्रंप का निशाना साधना सही है, इससे व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को वित्तपोषित करने में मदद मिल रही है।' हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका को भारत के साथ एक मूल्यवान और लोकतांत्रिक साझेदार की तरह व्यवहार करना चाहिए, न कि चीन जैसे विरोधी की तरह।' हेली ने दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों, भारत और अमेरिका के बीच दशकों पुरानी मित्रता और सद्भावना की भी बात की।
निक्की हेली ने लिखा कि 'अमेरिका और भारत को सबसे महत्वपूर्ण बात को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। चीन का सामना करने के लिए, अमेरिका का भारत के रूप में एक मित्र होना जरूरी है।' दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर हेली, ट्रम्प के पहले राष्ट्रपति कार्यकाल में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत थीं, और अमेरिकी प्रशासन में कैबिनेट स्तर के पद पर नियुक्त होने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी बनीं।
ट्रंप ने भारत पर लगाया है 50 प्रतिशत टैरिफ
राष्ट्रपति ट्रम्प ने भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिया है, जिसमें भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है, जो 27 अगस्त से लागू होगा। रूसी कच्चे तेल की अपनी खरीद का बचाव करते हुए, भारत यह कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की गतिशीलता से प्रेरित है।