गाजा के अस्पताल अधिकारियों ने बताया कि इस्राइल ने शुक्रवार को 30 फलस्तीनियों के शव गाजा प्राधिकरण को सौंप दिए हैं। यह कदम उस एक दिन बाद आया है, जब हमास ने दो इस्राइल बंधकों के अवशेष रेड क्रॉस के माध्यम से इस्राइल को लौटाए थे।
By: Sandeep malviya
यरूशलम । इस्राइल और हमास के बीच पहले चरण के शांति समझौते के बीच बंधकों और कैदियों की अदला-बदली जारी है, हालांकि इसमें भी तनाव की स्थिति बरकरार है। अब शांति समझौते का पालन करते हुए गाजा में अस्पताल के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि इस्राइल ने 30 फलस्तीनियों के शव सौंप दिए हैं। शुक्रवार को यह हस्तांतरण ऐसे समय में हुआ है, जब एक दिन पहले ही गाजा में हमास ने दो बंधकों के अवशेष इस्राइल को सौंप थे।
इस्राइली सेना ने गुरुवार को बताया था कि हमास ने गाजा में रेड क्रॉस को मृत बंधकों के अवशेषों से भरे दो ताबूत सौंपे। 10 अक्तूबर से शुरू हुए इस युद्ध विराम का उद्देश्य इस्राइली और हमास के बीच अब तक लड़े गए सबसे घातक और विनाशकारी युद्ध को समाप्त करना है।
इस्राइल के दो शवों की हुई पहचान
इस्राइली सेना ने कहा कि अवशेषों के दो सेट गाजा में रेड क्रॉस को सौंप दिए गए, फिर सैनिक उनको इस्राइल लेकर गए, जहां से पहचान के लिए राष्ट्रीय फोरेंसिक चिकित्सा संस्थान ले जाया गया। वहीं इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने गुरुवार देर रात कहा कि इन अवशेषों की पुष्टि सहर बारूक और अमीरम कूपर के रूप में हुई है, दोनों को 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा किए गए हमले के दौरान बंधक बना लिया गया था, जिसके बाद युद्ध छिड़ गया था।
युद्धविराम की शुरूआत के बाद से हमास ने अब तक 17 बंधकों के अवशेष लौटा दिए हैं, जबकि 11 अन्य अभी भी गाजा में हैं और समझौते की शर्तों के तहत उन्हें सौंप दिया जाएगा। हालांकि इस्राइल ने इस बीच गलत शव के अवशेष लौटेने का भी हमास पर आरोप लगाया था।
जानिए कौन थे दोनों ?
बता दें कि सहर बारूक (25), जो किबुत्ज बेरी से अगवा किए गए थे, वो इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने वाले थे। उनके भाई इदान की हमले में मौत हो गई थी। तीन महीने बाद इस्राइली सेना ने घोषणा की थी कि सहर एक असफल बचाव अभियान में मारे गए, जबकि अमीरम कूपर, एक अर्थशास्त्री और किब्बुत्ज निर ओज के संस्थापकों में से एक थे। उन्हें उनकी पत्नी नूरित के साथ अगवा किया गया था। नूरित को 17 दिन बाद रिहा कर दिया गया था, जबकि जून 2024 में अधिकारियों ने पुष्टि की कि अमीरम कूपर की गाजा में हत्या कर दी गई थी। उनकी उम्र 84 साल थी।
गाजा में शवों की पहचान में हो रही दिक्कत
इधर, इस्राइल ने 195 फलस्तीनियों के शव गाजा के अधिकारियों को उनकी पहचान का विवरण दिए बिना लौटा दिए हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि वे 7 अक्तूबर के हमले के दौरान इस्राइल में मारे गए थे, इस्राइली हिरासत में बंदी के रूप में मरे थे या युद्ध के दौरान सैनिकों द्वारा गाजा से बरामद किए गए थे। गाजा में स्वास्थ्य अधिकारियों को डीएनए किट उपलब्ध ना होने के कारण शवों की पहचान करने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।