नवरात्रि और शरद पूर्णिमा के बाद, करवा चौथ का पवित्र त्योहार मनाया जाता है। यह दिन भारतीय संस्कृति में विवाहित महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
By: Ajay Tiwari
Oct 05, 202517 hours ago
स्टार समाचार वेब धर्म डेस्क
नवरात्रि और शरद पूर्णिमा के बाद, करवा चौथ का पवित्र त्योहार मनाया जाता है। यह दिन भारतीय संस्कृति में विवाहित महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन सुहागिन स्त्रियाँ अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखती हैं।
पंचांग के अनुसार, साल 2025 में करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर को रखा जाएगा। व्रत का पारण रात्रि में चंद्र दर्शन और पूजा के बाद ही किया जाता है।
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि से यह व्रत शुरू होता है। इस वर्ष चतुर्थी तिथि की शुरुआत और समापन का विवरण इस प्रकार है:
चतुर्थी तिथि की शुरुआत: 09 अक्टूबर 2025 को देर रात 10 बजकर 54 मिनट पर।
चतुर्थी तिथि का समापन: 10 अक्टूबर 2025 को शाम 07 बजकर 38 मिनट पर।
चूँकि उदया तिथि 10 अक्टूबर को मान्य है, इसलिए करवा चौथ का व्रत इसी दिन रखा जाएगा।
करवा चौथ के व्रत का सबसे महत्वपूर्ण क्षण चंद्रोदय (चांद निकलने का समय) होता है, जिसके बाद ही महिलाएँ पति के हाथ से जल ग्रहण करके व्रत का पारण करती हैं।
करवा चौथ पर चांद निकलने का समय: द्रिक पंचांग के अनुसार, 10 अक्टूबर 2025 को चांद निकलने का अनुमानित समय रात्रि 8 बजकर 12 मिनट बताया गया है।
सुहागिन महिलाओं को इस शुभ समय पर चंद्रमा को अर्घ्य देकर, छलनी से चाँद और पति का दर्शन करके, पूजा संपन्न करनी चाहिए।