मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 28 जुलाई से प्रारंभ होने जा रहा है, जो 8 अगस्त तक चलेगा। इस 12 दिवसीय सत्र के दौरान कुल 10 बैठकें आयोजित की जाएंगी। सत्र में 2 अगस्त (शनिवार) और 3 अगस्त (रविवार) को अवकाश रहेगा।
By: Arvind Mishra
Jul 23, 20259 hours ago
मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 28 जुलाई से प्रारंभ होने जा रहा है, जो 8 अगस्त तक चलेगा। इस 12 दिवसीय सत्र के दौरान कुल 10 बैठकें आयोजित की जाएंगी। सत्र में 2 अगस्त (शनिवार) और 3 अगस्त (रविवार) को अवकाश रहेगा। दरअसल, मप्र की मोहन सरकार विधानसभा के मानसून सत्र में जन विश्वास बिल 2.0 पेश करने जा रही है। यह बिल राज्य में पुराने और सख्त कानूनों को आसान बनाने की दिशा में एक और कदम है। खास बात यह है कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जो इस बिल का दूसरा चरण ला रहा है। इससे पहले जन विश्वास बिल 1.0 के तहत राज्य सरकार ने पांच विभागों के 8 कानूनों की 64 धाराओं में बदलाव किया था। अब बिल के दूसरे चरण में सरकार 13 विभागों के 23 कानूनों की कुल 45 धाराओं में संशोधन करने जा रही है। बिल का उद्देश्य आम जनता और उद्यमियों को अनावश्यक कानूनी झंझटों से राहत देना है।
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर इन प्रस्तावित बदलावों पर चर्चा कर चुके हैं और उन्हें अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बिल का मुख्य उद्देश्य सरकार की ईज आफ डूइंग बिजनेस नीति को और बेहतर बनाना है, ताकि आम नागरिकों और व्यापारियों को सरल और न्यायसंगत प्रक्रिया का लाभ मिल सके।
छोटी-मोटी गलतियों पर अब जेल नहीं होगी, बल्कि दंड या जुर्माने का प्रावधान रहेगा। एंटी मीजल्स वैक्सीनेशन एक्ट 1968 को हटाया जाएगा। यह कानून खसरा वैक्सीन को अनिवार्य बनाता था। गृह विभाग का एनाटॉमी एक्ट भी बदला जाएगा। नगरीय प्रशासन विभाग की नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 208 और नगर निगम अधिनियम 1956 की धारा 195 में संशोधन होंगे। मोटरयान कर नियमों में बदलाव कर जुर्माने की जगह दंड का प्रावधान किया जाएगा।
इधर, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि मानसून सत्र प्रदेश के हित में बेहद उपयोगी और सार्थक रहेगा। सरकार की ओर से लाए गए विधेयकों पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा। पक्ष-विपक्ष दोनों मिलकर राज्य के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे। हमारा प्रयास है कि सभी दल सदन की गरिमा बनाए रखते हुए रचनात्मक बहस करें। इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया और मजबूत होगी।
मानसून सत्र में सरकार अनुपूरक बजट पेश करेगी। सरकार ने तय किया है कि बजट में केवल जनहित से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। वहीं, अनावश्यक खर्चों पर सख्ती बरती जाएगी। वित्त विभाग ने सभी विभागों से साफ कह दिया है कि अफसरों के लिए वाहन जैसी फिजूलखर्ची संबंधी प्रस्ताव न भेजें। इस सप्लीमेंट्री बजट में जनता से जुड़े कार्यों के लिए अतिरिक्त राशि का प्रावधान किया जाएगा, ताकि विकास योजनाएं रुकें नहीं और प्रदेश के हित में प्रभावी क्रियान्वयन हो सके।