मध्य प्रदेश पर फ्री बीज योजनाएं भारी पड़ रही हैं। मध्य प्रदेश में भले खुद सरकार घी नहीं पी रही हो, लेकिन वह फ्री की रेवड़ी बांटकर जनता को घी पिला रही है। यही कारण है कि अब प्रदेश सरकार कर्ज की सीमा में गले तक डूब चुका है।
By: Star News
Jun 03, 202511:38 AM
-लाड़ली बहना और डीए देने फिर ले रही कर्ज सरकार
-राज्य सरकार पर अब 4.31 लाख करोड़ का कर्ज
भोपाल। मध्य प्रदेश पर फ्री बीज योजनाएं भारी पड़ रही हैं। मध्य प्रदेश में भले खुद सरकार घी नहीं पी रही हो, लेकिन वह फ्री की रेवड़ी बांटकर जनता को घी पिला रही है। यही कारण है कि अब प्रदेश सरकार कर्ज की सीमा में गले तक डूब चुका है। लाड़ली बहना योजना के चलते सरकार की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है। अब एक बार फिर प्रदेश सरकार कर्ज लेने जा रही है। दरअसल, मध्यप्रदेश सरकार नए वित्त वर्ष में दूसरी बार 4500 करोड़ का कर्ज लेने जा रही है। यह कर्ज 2000 करोड़ और 2500 करोड़ का होगा। इसके पहले मई में ढाई-ढाई हजार करोड़ के दो कर्ज लिए गए थे। इस तरह चालू वित्त वर्ष में सरकार पर कर्ज की राशि 9500 करोड़ हो जाएगी जबकि कुल कर्ज का आंकड़ा बढ़कर 431240.27 करोड़ हो जाएगा। सरकार कर्ज की इस राशि से विकास कार्य कराने के साथ कर्मचारियों के महंगाई भत्ते, लाड़ली बहना योजना की किस्तें जमा करने और बारिश के पहले निर्माण संबंधी कामों पर आए खर्च का भुगतान करेगी।
नहीं थम रहा कर्ज का सिलसिला
नए वित्त वर्ष में अप्रैल का महीना छोड़ने के बाद हर महीने फिर कर्ज लिए जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। वित्त विभाग के अनुसार 3 जून को आरबीआई के माध्यम से दो लोन मोहन सरकार लेने जा रही है जिसका भुगतान 4 जून को होने वाला है। पहला लोन 2000 करोड़ का है जो 16 साल के लिए लिया जाएगा और सरकार ब्याज के साथ इसकी अदायगी 4 जून 2041 तक करेगी। इसी तरह दूसरा लोन 2500 करोड़ का है जो 18 साल के लिए लिया जा रहा है। इसका भी भुगतान 4 जून को होगा और यह 4 जून 2043 तक ब्याज के साथ चुकाया जाएगा।
मई में लिया 5 हजार करोड़ का कर्ज
मप्र सरकार ने इसके पहले 7 मई को दो कर्ज ढाई-ढाई हजार करोड़ रुपए के लिए हैं। मई में ढाई हजार करोड़ का पहला कर्ज 12 साल के लिए सात मई को लिया गया था जिसका ब्याज सात मई 2037 तक के लिए चुकाना है। इसी तरह ढाई हजार करोड़ का दूसरा कर्ज सात मई को ही 14 साल के लिए लिया गया है। जिसकी भरपाई सात मई 2039 तक ब्याज के रूप में होगी।
रेवेन्यू सरप्लस बताया
सरकार ने अपनी रेवेन्यू को लेकर कहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार 12487.78 करोड़ के रेवेन्यू सरप्लस में थी। इसमें आमदनी 234026.05 करोड़ था जबकि खर्च 221538.27 करोड़ रहा। इसके विपरीत वित्त वर्ष 2024-25 में प्रदेश सरकार की रिवाइज्ड आमदनी 262009.01 करोड़ और खर्च 260983.10 करोड़ बताया है। इस तरह पिछले वित्त वर्ष में भी सरकार की आय 1025.91 करोड़ सरप्लस बताई गई है।
कर्ज की स्थिति राशि करोड़ रुपए में)
मार्केट लोन 267879.41
पावर ब्रांड्स समेत कंपनसेशन व अन्य बॉन्ड 5152.44
वित्तीय संस्थाओं से लिया गया कर्ज 17190.83
केंद्र से लिया गया कर्ज और एडवांस 74759.16
अन्य लायबिलिटीज 14135.07
नेशनल स्माल सेविंग्स फंड की स्पे. सिक्योरिटीज 42623.35
कुल कर्ज 431740.27