12वीं परीक्षा में फर्स्ट आने वाले 7832 विद्यार्थियों को सीएम डॉ. मोहन यादव ने बड़ा तोहफा दिया। भोपाल में हुए समारोह में उस्थित विद्यार्थियों को स्कूटी प्रदान की गई। प्रदेश में बाकी विद्यार्थियों के बैंक अकाउंट में स्कूटी खरीदने के लिए राशि ट्रांसफर की गई।
By: Arvind Mishra
Sep 11, 20258 hours ago
12वीं परीक्षा में फर्स्ट आने वाले 7832 विद्यार्थियों को सीएम डॉ. मोहन यादव ने बड़ा तोहफा दिया। भोपाल में हुए समारोह में उस्थित विद्यार्थियों को स्कूटी प्रदान की गई। प्रदेश में बाकी विद्यार्थियों के बैंक अकाउंट में स्कूटी खरीदने के लिए राशि ट्रांसफर की गई। राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित समारोह में सैनिटेशन और हाईजीन के लिए 61 करोड़ की राशि प्रदान की गई। 20 लाख से अधिक छात्र छात्राओं के अकाउंट में राशि ट्रांसफर की गई। वहीं समारोह को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि बच्चों आप खूब पढ़ो, आगे बढ़ो। पढ़ाई के लिए विदेश जाने की इच्छा है, तो फिक्र मत करना। विदेश जाने के लिए सारा पैसा मध्यप्रदेश सरकार देगी। बच्चों आगे बढ़ते देखकर हमे सुकून मिलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे युवाओं को नौकरी मांगने वाले नहीं नौकरी देने वाले बनना चाहिए। इसका अभियान सरकार के माध्यम से चल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार विद्यार्थियों के सपनों को साकार करने के लिए हर समय तत्पर है। विद्यार्थियों को निरंतर आगे बढ़ने की शुभकामनाएं। राज्य सरकार ने अब तक 23 हजार से अधिक मेधावी विद्यार्थियों को अब तक ढाई सौ करोड़ की लागत से स्कूटी प्रदान की हैं।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज 7832 टॉपर्स को स्कूटी दी गई है। छात्रों को अब और ऊंचाईयां मिलेंगी। मध्य प्रदेश आदिकाल से अपनी प्रतिभाओं से पहचाना जा रहा है। भारत के लोगों ने हर चुनौती को स्वीकार किया है। अब भारत का सबसे अच्छा समय है। बदलते दौर में भारत बहुत तेजी से बदल रहा है। नवाचार के लिए सब भारत की तरफ देख रहे हैं। पीएम मोदी जहां नहीं होते वहां मंच अधूरा होता है। पड़ोसी देश और हमारे दुश्मन सभी पीएम मोदी की तारीफ करते हैं।
सीएम ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के शासन काल में कभी कुछ भी नहीं मिला। स्कूलों की हालत बहुत बदतर थी। लैपटॉप तो छोड़ो पेन का ढक्कन भी नहीं मिलता था। टाट पट्टी पर बच्चे बैठकर पढ़ाई करते थे। उस समय की स्थिति इतनी खराब थी कि लैपटॉप और स्कूटी जैसी सुविधाएं तो दूर, ट्रेन का टिकट तक नहीं मिलता था। यहां तक कि बच्चों को चटाई लेकर स्कूल जाना पड़ता था, यानी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की भी भारी कमी थी।
संबोधन के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव ने छात्रा के साथ स्कूटर पर पीछे बैठकर सवारी की। सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल गुनगा की छात्रा हर्षिता यादव के साथ स्कूटी पर बैठे। सीएम ने छात्रा से पूछा गिरा तो नहीं दोगी।
स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि ये बच्चे कॉलेज में पढ़ने जाएंगे, तब बेहतर शिक्षा में यह स्कूटी पंख लगाने का काम करेगी। स्कूटी चलाने से पहले अपना लर्निंग लाइसेंस जरूर बनवा लें। हेलमेट का इस्तेमाल करें और तय गति पर ही चलाएं। हमारे लिए गर्व की बात है कि स्कूल के बच्चों को एक महीने में तीसरी बार मुख्यमंत्री का आशीर्वाद मिल रहा है।