मध्य प्रदेश में स्वदेशी की लहर तेज करने के लिए गुरुवार को राज्य स्तरीय स्वदेशी जागरण सप्ताह का धूमधाम से शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत में सीएम ने महात्मा गांधी और जनसंघ के संस्थापक पं. दीनदयाल उपाध्याय की 109वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
By: Arvind Mishra
भोपाल। स्टार समाचार वेब
मध्य प्रदेश में स्वदेशी की लहर तेज करने के लिए गुरुवार को राज्य स्तरीय स्वदेशी जागरण सप्ताह का धूमधाम से शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत में सीएम ने महात्मा गांधी और जनसंघ के संस्थापक पं. दीनदयाल उपाध्याय की 109वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तिरंगा थामकर रैली का नेतृत्व किया, जिसमें सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने गर्व से कहिए, हम स्वदेशी हैं... के नारे लगाते हुए भाग लिया। यह अभियान मध्य प्रदेश जन-अभियान परिषद और स्वदेशी जागरण मंच के संयुक्त तत्वावधान में चलाया जा रहा है, जो प्रदेश के 313 विकासखंडों में 2 अक्टूबर तक चलेगा। यह सप्ताह गांधी जयंती तक चलेगा, जिसमें जागरूकता रैलियां, सेमिनार और स्वदेशी मेलों का आयोजन होगा। सीएम ने दोनों महान हस्तियों के विचारों में समानता बताते हुए कहा कि स्वदेशी ही वह मूल मंत्र है, जिसने भारत को आजादी दिलाई और आज दुनिया को भारत के भरोसे पर मजबूर कर दिया है। सीएम ने कहा कि पीएम मोदी स्वदेशी अभियान के ब्रांड एंबेसडर हैं। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत का सपना स्वदेशी की बदौलत ही साकार हो रहा है। सीएम ने प्रह्लाद की संकल्प शक्ति का उदाहरण देते हुए कहा कि ताकत हिरण्यकशिपु जैसी शक्तियों में हो सकती है, लेकिन संकल्प ही असली ताकत है। स्वदेशी अभियान के लिए यही संकल्प चाहिए। हमारी संस्कृति हजारों वर्षों से स्वदेशी की ताकत पर टिकी है। उन्होंने भगवान राम और लक्ष्मण के लंका विजय के बाद के संवाद का जिक्र करते हुए जोर दिया, जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी। हम अपनी जन्मभूमि से प्रेम करना सीखें। दुनिया में धन तो कई देशों के पास है, लेकिन मन छोटे हैं। भारत का 56 इंच का सीना ही स्वदेशी भावना से निपटने का राज जानता है।
मुख्यमंत्री ने गांधी जी के चरखे और विदेशी वस्त्रों की होली जलाने की याद ताजा करते हुए कहा कि आजादी का बिगुल स्वदेशी के मंत्र से ही फूंका गया था। वहीं, पंडित उपाध्याय के एकात्म मानववाद को स्वदेशी से जोड़ते हुए उन्होंने बताया कि दोनों के विचार हमारी मिट्टी, देश की आजादी, स्वावलंबन और स्वदेशी व्यवस्था से जुड़े थे। जब भारत आर्थिक रूप से समृद्ध होगा, तब स्वदेशी के बीज से आत्मनिर्भरता का विशाल वृक्ष उगेगा। यह समानता न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि आज के दौर में प्रासंगिक भी, जहां चीन से अमेरिका तक सभी देश भारत को अपना मित्र मानते हैं।
सीएम ने कहा कि त्योहारों के मौसम में सभी स्वदेशी वस्तुओं की खरीदारी करें। छोटी-छोटी खरीदारी से छोटे दुकानदारों का जीवन बदलता है। स्वदेशी स्वावलंबन का मार्ग है। उन्होंने दीपक के प्रकाश का प्रतीक इस्तेमाल करते हुए कहा कि दीपक जलने के लिए बाती, तेल और आॅक्सीजन चाहिए। अभियान की सफलता के लिए समाज ही वह आॅक्सीजन है। जन अभियान परिषद ने हर वर्ग को स्वदेशी से जोड़ने का संकल्प लिया है।