लोकसभा में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन ऑपरेशन सिंदूर पर बहस होगी। गृह मंत्री अमित शाह विपक्ष के सवालों का जवाब देंगे। विपक्ष की ओर से राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव भी बोलेंगे। संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले मंगलवार सुबह विपक्ष ने वोटर वेरिफिकेशन के मुद्दे पर मकर द्वार के बाहर प्रदर्शन किया।
By: Arvind Mishra
Jul 29, 20256 hours ago
राज्यसभा की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित
संसद के बाहर विपक्षी सदस्यों का प्रदर्शन
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
लोकसभा में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन ऑपरेशन सिंदूर पर बहस होगी। गृह मंत्री अमित शाह विपक्ष के सवालों का जवाब देंगे। विपक्ष की ओर से राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव भी बोलेंगे। संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले मंगलवार सुबह विपक्ष ने वोटर वेरिफिकेशन के मुद्दे पर मकर द्वार के बाहर प्रदर्शन किया। विपक्षी सांसद हाथ में पोस्टर लिए सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए। वहीं राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई है। संसद का मानसून सत्र अभी तक हंगामे से भरा रहा है। विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर और रकफ को लेकर सरकार को घेरा है। इंडिया गठबंधन ने एसआईआर के खिलाफ आज फिर संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने एक्स पोस्ट में लिखा-ये संघर्ष नहीं रुकेगा, भाजपा को लोकतंत्र की हत्या नहीं करने देंगे। वहीं भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा-अगर कांग्रेस को लगता है कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा गंभीर है तो राहुल गांधी को मौजूद रहना चाहिए था, वे चर्चा शुरू होने पर ही वहां थे, जब राजनाथ सिंह, गौरव गोगोई बोले, उसके बाद वे सदन में आए ही नहीं, रात के 1 बजे तक चर्चा चलती रही। इससे साफ है कि राहुल गांधी और उनकी पार्टी सिर्फ चर्चा में व्यवधान पैदा करना चाहते हैं। इधर ऑपरेशन सिंदूर पर पार्टी की तरफ से बोलने का मौका नहीं मिलने पर कांग्रेस मनीष तिवारी नाराजगी जाहिर की है। दरअसल... है प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां के गाता हूं, भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं... 1970 में आई फिल्म पूरब और पश्चिम के इस गीत को अपने एक्स पर पोस्ट कर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने अपना रुख साफ कर दिया है। इस पोस्ट के साथ उन्होंने एक आर्टिकल भी शेयर किया है, जिसमें लोकसभा में आॅपरेशन सिंदूर के दौरान वक्ताओं की लिस्ट से उन्हें बाहर रखने का जिक्र था, क्योंकि उन्होंने सरकार के पक्ष में बोला था।
वरिष्ठ नेता शशि थरूर की चुप्पी ने सवाल खड़े किए हैं, तो दूसरी तरफ सांसद मनीष तिवारी की एक सोशल मीडिया पोस्ट ने कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया है। इस पोस्ट ने भाजपा को नया हथियार थमा दिया है, जो विपक्षी खेमे की आंतरिक कलह को सामने ला रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और आनंदपुर साहिब के सांसद मनीष तिवारी ने आज एक्स पर एक न्यूज रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया, जिसमें बताया गया कि वह और शशि थरूर संसद की बहस में हिस्सा क्यों नहीं ले रहे।
लोकसभा में सोमवार से ऑपरेशन सिंदूर पर 16 घंटे की चर्चा जारी है। आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के जवाब के साथ इसका अंत होगा, जबकि बीते दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चर्चा की शुरूआत की थी, लेकिन सबसे हैरानी का बात यह है कि कांग्रेस ने इस मुद्दे पर जिन वक्ताओं की लिस्ट दी है, उसमें मनीष तिवारी और शशि थरूर का नाम गायब है।
कांग्रेस के ये दोनों नेता ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेश का दौरा करने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा था और उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का खुलकर समर्थन किया था। हालांकि कांग्रेस की तरफ से डेलीगेशन के लिए इन दोनों ही नेताओं का नाम नहीं दिया गया था, इनको सीधे केंद्र सरकार ने अपनी मर्जी से डेलीगेशन का हिस्सा बनाया था।
इधर, कांग्रेस आलाकमान और इन दोनों नेताओं के बीच तल्खी खुलकर सामने आई है। बीते दिनों शशि थरूर ने वक्ताओं की लिस्ट में शामिल न किए जाने पर मौन रहकर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया, लेकिन बाद में यह साफ हुआ कि कांग्रेस पार्टी थरूर को वक्ता बनाना चाहते थे, लेकिन उनके सामने पार्टी लाइन पर बोलने की शर्त रखी गई और ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार को घेरने के लिए कहा गया।
कांग्रेस की यह लाइन थरूर को मंजूर नहीं थी और उन्हें खुद को ऑपरेशन सिंदूर पर होने वाली चर्चा से अलग कर लिया। विदेश दौरे पर थरूर ने खुलकर ऑपरेशन सिंदूर और केंद्र सरकार का समर्थन किया था। यहां तक कि उसके बाद वह कई मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र की तारीफ कर चुके हैं, जो बात कांग्रेस के असहज करती है। इसी तरह मनीष तिवारी की शर्त मनीष तिवारी के सामने भी रखी गई थी।
कांग्रेस पार्टी के भीतर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संसद में हो रही चर्चा पर रार मच गई है, लेकिन पार्टी के सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि चर्चा में बोलने वाले स्पीकर सीमित होते हैं और जो बोलेंगे वो कांग्रेस पार्टी का पक्ष रखेंगे। उन्होंने कहा कि सदन में बोलने वालों की लिस्ट से बहुत से लोग छूट गए और मनीष तिवारी भी उनमें से एक हैं। इसे लेकर कांग्रेस में कोई मतभेद नहीं हैं।