जर्मनी के म्यूनिख हवाईअड्डे को शुक्रवार रात ड्रोन दिखने के कारण दूसरी बार बंद करना पड़ा, लेकिन शनिवार सुबह फिर से खुल गया। इस बंदी से हजारों यात्री प्रभावित हुए और उड़ानों में देरी की संभावना बनी हुई है।
By: Sandeep malviya
Oct 04, 202523 hours ago
म्यूनिख (जर्मनी)। जर्मनी का म्यूनिख हवाई अड्डा शनिवार सुबह फिर खुल गया, जिसे अधिकारियों ने शुक्रवार रात दूसरी बार बंद कर दिया था। चौबीस घंटे से भी कम समय में दोबारा ड्रोन देखे जाने के बाद यह कदम उठाया गया था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
यह देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा है। हवाई अड्डे ने शनिवार सुबह सात बजे (स्थानीय समयानुसार) से धीरे-धीरे उड़ानों की शुरूआत की। आमतौर पर हवाई अड्डे से उड़ानें सुबह पांच बजे शुरू हो जाती हैं। संघीय पुलिस ने एक बयान में कहा कि शुक्रवार रात करीब 11 बजे हवाई अड्डे के उत्तरी और दक्षिणी रनवे के पास दो ड्रोन देखे गए। इन ड्रोन की पहचान हो पाती, उससे पहले ही उड़कर चले गए।
हवाई अड्डे ने अपने बयान में कहा कि शनिवार को भी उड़ानों में देरी हो सकती है। शुक्रवार रात से शनिवार सुबह तक हवाई अड्डे के बंद रहने से 6,500 यात्रियों को परेशानी हुई। इससे पहले गुरुवार रात से शुक्रवार तक हवाई अड्डे को बंद करना पड़ा था, जिससे करीब तीन हजार यात्री प्रभावित हुए थे।
बेल्जियम और नॉर्वे में भी देखे गए ड्रोन
अधिकारियों के पास फिलहाल इस बात की जानकारी नहीं है कि इन ड्रोन को उड़ाने के पीछे कौन जिम्मेदार है। यह घटना यूरोप के विभिन्न देशों में हवाईअड्डों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के स्थानों पर संदिग्ध ड्रोन देखे जाने की कई घटनाओं में से एक है। इसी तरह बेल्जियम में एक सैन्य अड्डे के ऊपर भी रात में ड्रोन देखे गए। नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में भी पिछले महीने एक ड्रोन की घटनाच के कारण उड़ानों पर असर पड़ा था। नॉर्वे नाटो का सदस्य है लेकिन यूरोपीय संघ का हिस्सा नहीं है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि इन घटनाओं के पीछे कौन है। यूरोपीय अधिकारियों ने आशंका जताई है कि इन ड्रोन के पीछे रूस हो सकता है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि कोई भी व्यक्ति ड्रोन लेकर ऐसी गतिविधियों को अंजाम दे सकता है। रूस ने डेनमार्क सहित हाल की ड्रोन की घटनाओं में अपनी भूमिका से इनकार किया है। जर्मनी के गृहमंत्री अलेक्जेंडर डोब्रिंड्ट ने कहा कि वह और यूरोप के अन्य मंत्री इस सप्ताहांत म्यूनिख में एक बैठक के दौरान ड्रोन से घुसपैठ के मुद्दे पर चर्चा करेंगे और ड्रोन पता लगाने और सुरक्षा योजना बनाएंगे। उन्होंने जर्मनी के पश्चिमी शहर सारब्रुकेन में कहा, हम ड्रोन खतरे और ड्रोन सुरक्षा के बीच एक दौड़ में हैं। हमें यह दौड़ जीतनी ही होगी।