नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ीं. ED ने अदालत में दावा किया है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) का 2000 करोड़ रुपये का अधिग्रहण एक 'फर्जी लेन-देन' था. जानें क्या हैं आरोप और ED का पूरा दावा.
By: Star News
Jul 02, 202520 hours ago
नई दिल्ली:स्टार समाचार वेब.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के "फर्जी अधिग्रहण" का आरोप लगाया है. यह आरोप ऐसे समय में आया है जब ईडी इस मामले में गांधी परिवार से लगातार पूछताछ कर रही है, जिससे यह मामला एक बार फिर राजनीतिक सुर्खियों में आ गया है.
ईडी का आरोप है कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की बड़ी हिस्सेदारी है, ने 2000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति वाली एजेएल का कथित तौर पर गलत तरीके से अधिग्रहण किया. एजेंसी का दावा है कि यह अधिग्रहण एक जटिल लेनदेन के माध्यम से किया गया था, जिसमें फर्जी लेनदेन और हेराफेरी शामिल थी, जिसका उद्देश्य एजेएल की मूल्यवान संपत्तियों पर नियंत्रण हासिल करना था. ईडी इस लेनदेन को मनी लॉन्ड्रिंग का मामला मानकर जांच कर रही ह
नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र को प्रकाशित करने वाली कंपनी एजेएल की स्थापना 1938 में जवाहरलाल नेहरू ने की थी. यह मामला तब सामने आया जब भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने 2012 में एक निचली अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी. स्वामी ने आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने धोखाधड़ी और फंड के दुरुपयोग के जरिए एजेएल की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया
इस मामले में कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी कंपनी है, जिसका उद्देश्य एजेएल को कर्ज से उबारना था. उनका कहना है कि इस पूरे मामले में कोई गलत काम नहीं हुआ है और यह केंद्र सरकार द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई हैं।
ईडी ने इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी से कई बार पूछताछ की है. इस पूछताछ को लेकर कांग्रेस पार्टी ने देश भर में विरोध प्रदर्शन किए हैं, और इसे सरकार द्वारा विपक्ष को निशाना बनाने का प्रयास बताया है. यह मामला लंबे समय से अदालतों में भी चल रहा है, जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट में भी सुनवाई हो चुकी ह