अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित हुए राम दरबार का भी दर्शन शुरू कर दिया गया। अचानक हुए इस फैसले से श्रद्धालु गदगद हैं। हालांकि दर्शन के लिए पास लेना होगा। इसके लिए भक्तों को तय फार्मेट को भरना भी होगा।
By: Star News
Jun 15, 20258 hours ago
अयोध्या। स्टार समाचार वेब
अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित हुए राम दरबार का भी दर्शन शुरू कर दिया गया। अचानक हुए इस फैसले से श्रद्धालु गदगद हैं। हालांकि दर्शन के लिए पास लेना होगा। इसके लिए भक्तों को तय फार्मेट को भरना भी होगा। वहीं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि यह नई व्यवस्था श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव देने के उद्देश्य से की गई है। उन्होंने कहा, यह विशेष पास की व्यवस्था श्रद्धालुओं को दर्शन का सुव्यवस्थित और सहज अनुभव देने के लिए की गई है। अब रामलला के साथ पूरा राम दरबार दर्शनार्थियों के लिए साक्षात होगा। दरअसल, अयोध्या में राम मंदिर की पहली मंजिल पर स्थापति राम दरबार अब भक्तों के लिए खोल दिया गया है। यहां दर्शन के लिए रामलला की तरह ही पास लेने होंगे। राम दरबार के दर्शन की व्यवस्था शुरू किए जाने को लेकर शनिवार देर शाम फैसला लिया गया। इसलिए सिर्फ दो स्लॉट (शाम 5 से 7 और 7 से 9 बजे) के लिए सीमित संख्या में पास जारी किए गए। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन की परंपरा अब एक नए और भव्य रूप में परिवर्तित हो गई है। श्रद्धालु अब सिर्फ बाल स्वरूप रामलला के नहीं, बल्कि पूरे राम दरबार- राजा राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी के भी दर्शन कर सकेंगे। यह नई दर्शन-व्यवस्था रविवार से प्रभावी हो गई है, जिससे भक्तों में खासा उत्साह देखा जा रहा है।
राम मंदिर ट्रस्ट ने दर्शन की सुविधा को व्यवस्थित और सुगम बनाने के लिए पूरे दिन को छह भागों में बांटा है। हर स्लॉट में अधिकतम 300 श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। प्रत्येक स्लॉट का समय दो घंटे रखा गया है।
सुबह 7:00 से 9:00 बजे
सुबह 9:00 से 11:00 बजे
दोपहर 1:00 से 3:00 बजे
दोपहर 3:00 से 5:00 बजे
शाम 5:00 से 7:00 बजे
रात 7:00 से 9:00 बजे
प्रत्येक स्लॉट में कुल 300 पास जारी किए जाएंगे। इन पासों को दो संस्थाओं जिला प्रशासन और राम मंदिर ट्रस्ट के बीच बांटा गया है। दोनों को प्रत्येक स्लॉट के लिए 150-150 पास दिए गए हैं।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और जिला प्रशासन के बीच प्रत्येक स्लॉट के लिए कुल 150-150 पास निर्धारित किए गए हैं। इन्हें दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है। हर स्लॉट के 300 पास में से 150 पास जिला प्रशासन को और 150 पास ट्रस्ट को दिए जाएंगे। इनमें 100 पास विशेष दर्शन के लिए और 50 पास आसान पहुंच वाले दर्शन के लिए होंगे। इन पासों के जरिए श्रद्धालुओं को बेहतर और शांतिपूर्ण दर्शन अनुभव सुनिश्चित किया जाएगा।
यह मंदिर पारंपरिक नागर शैली में निर्मित है। इसकी लंबाई 360 फीट, चौड़ाई 235 फीट और ऊंचाई 161 फीट है। यह 2.77 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और तीन मंजिला संरचना में निर्मित है। इसमें कुल 392 नक्काशीदार स्तंभ, 44 द्वार और हिंदू देवी-देवताओं की समृद्ध मूर्तिकला दिखाई देती है।