पाक पीएम शाहबाज शरीफ ने भारत को दुश्मनी या पड़ोसी का फर्ज निभाने की नसीहत दी, लेकिन असल में यह बयान पाकिस्तान की नाकामियों और संकट से ध्यान हटाने की कोशिश है। शरीफ ने कश्मीर और गाजा का मुद्दा उठाकर पुराना प्रोपेगेंडा दोहराया।
By: Sandeep malviya
Sep 21, 202510 hours ago
लंदन। पाक पीएम शाहबाज शरीफ ने भारत को दुश्मनी या पड़ोसी का फर्ज निभाने की नसीहत दी, लेकिन असल में यह बयान पाकिस्तान की नाकामियों और संकट से ध्यान हटाने की कोशिश है। शरीफ ने कश्मीर और गाजा का मुद्दा उठाकर पुराना प्रोपेगेंडा दोहराया। मई 2025 के संघर्ष में पाकिस्तान की किरकिरी हुई और उसकी अर्थव्यवस्था प्रवासी पाकिस्तानियों पर निर्भर है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने लंदन में बयान देते हुए भारत को यह उपदेश दिया कि उसे तय करना होगा कि वह दुश्मनी रखेगा या पड़ोसी होने का फर्ज निभाएगा। लेकिन यह बयान ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान खुद भारी आर्थिक, राजनीतिक और कूटनीतिक संकटों से जूझ रहा है। शरीफ का यह बयान भारत पर दोष मढ़ने और अपनी नाकामियों से ध्यान हटाने की एक कोशिश है।
शरीफ ने भारत-पाकिस्तान के बीच हुए चार युद्धों का जिक्र करते हुए कहा कि अरबों डॉलर खर्च हुए। लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि हर बार युद्ध पाकिस्तान की उकसावे की नीतियों और आतंकवाद को बढ़ावा देने की वजह से हुआ। भारत हमेशा रक्षात्मक स्थिति में रहा है, जबकि पाकिस्तान की नीतियां पड़ोसी देशों को अस्थिर करने वाली रही हैं।
कश्मीर का नाम लेकर पुराना राग
पाक पीएम ने फिर से कश्मीर मुद्दे को उठाया और दावा किया कि कश्मीरियों का खून व्यर्थ नहीं जाएगा। लेकिन सच यह है कि पाकिस्तान की आतंकवादी साजिशों ने ही कश्मीर में खून बहाया। पाकिस्तान खुद दुनिया में अलग-थलग पड़ा है और अब भी आतंक को राजनीतिक हथियार बनाकर पेश कर रहा है। भारत पहले ही साफ कर चुका है कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा।
2025 का संघर्ष और पाकिस्तान की नाकामी
शरीफ का बयान हाल ही में मई 2025 में हुए संघर्ष के बाद आया है, जिसमें पाकिस्तान की खासी किरकिरी हुई। भारत के जवाबी हमले के बाद पाकिस्तान की सेना बुरी तरह पस्त हो गई। पाकिस्तान ने झूठा दावा किया कि उसने भारत के राफेल विमान गिराए, लेकिन इस पर कोई अंतरराष्ट्रीय पुष्टि नहीं हुई। असलियत यह रही कि पाकिस्तान ने खुद भारी नुकसान झेला और अंतत: अमेरिका के दबाव में संघर्ष विराम मानना पड़ा।
खुद की नाकामी छिपाने की कोशिश
शरीफ ने गाजा और फलस्तीन का मुद्दा भी उठाया और इस्राइल पर हमले का आरोप लगाया। लेकिन विश्लेषकों के मुताबिक, पाकिस्तान इस बहाने मुस्लिम देशों में अपनी छवि सुधारने और घरेलू जनता को बरगलाने की कोशिश कर रहा है। हकीकत यह है कि पाकिस्तान का अपना हालात इतना खराब है कि वह किसी को मदद नहीं कर सकता।
प्रवासी पाकिस्तानियों के सहारे अर्थव्यवस्था
शरीफ ने प्रवासी पाकिस्तानियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्होंने 38 अरब डॉलर भेजे हैं। असल में यह पाकिस्तान की बदहाली का सबूत है कि उसकी अर्थव्यवस्था पूरी तरह विदेशों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों पर टिकी हुई है। देश के भीतर हाल यह है कि महंगाई, बेरोजगारी और कर्ज ने पाकिस्तान को दीवालिया होने के कगार पर पहुंचा दिया है।