कहीं ‘प्रकृति से प्रेम’ के नारे, तो कहीं दौड़ते कदमों की गूंज।
By: Gulab rohit
Oct 05, 2025just now
भोपाल । रविवार सुबह राजधानी भोपाल की सड़कों पर एक अलग ही नजारा देखने को मिला। कहीं हाथों में वन्यजीवों की तख्तियां, कहीं ‘प्रकृति से प्रेम’ के नारे, तो कहीं दौड़ते कदमों की गूंज। मौका था राज्य स्तरीय वन्यजीव सप्ताह 2025 के तहत आयोजित ‘रन फॉर वाइल्डलाइफ’ दौड़ का, जिसमें करीब 600 लोगों ने हिस्सा लेकर वन्यजीव संरक्षण का संदेश दिया।
वन्यजीवों के लिए जनता की दौड़
दौड़ की शुरुआत वन विहार के गेट नंबर 2 से हुई, जहां प्रधान मुख्य वन संरक्षक एच.यू. खान ने झंडी दिखाकर दौड़ का शुभारंभ किया। प्रतिभागियों का उत्साह देखने लायक था छोटे बच्चे, कॉलेज स्टूडेंट्स, सीनियर सिटीजन और पर्यावरण प्रेमी, सभी वन्यजीवों के लिए एक सुर में दौड़ते नजर आए। दौड़ का रूट पॉलीटेक्निक चौराहा, श्यामला हिल्स होते हुए बोट क्लब से होकर गेट नंबर 1 पर समाप्त हुआ। रास्ते भर पर्यावरण संरक्षण के नारों और उत्साहजनक माहौल ने आम लोगों का ध्यान खींचा।
जीत से ज्यादा थी जागरूकता
गेट नंबर 1 पर हुए पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में श्री अभिलाष खांडेकर, पूर्व सदस्य, राज्य वन्यप्राणी बोर्ड, ने विजेताओं को सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान वन विहार के संचालक विजय कुमार और सहायक संचालक डॉ. रूही हक भी मौजूद रहे। डॉ. रूही ने बताया कि यह दौड़ केवल प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि प्रकृति से जुड़ने और उसकी रक्षा का संकल्प थी।
वाद-विवाद से जागी सोच
दौड़ के बाद आयोजित शिक्षक वाद-विवाद प्रतियोगिता भी चर्चा का विषय रही। “वनों में पर्यटन, वन्यजीवों के संरक्षण में सहायक है” विषय पर 22 प्रतिभागियों ने पक्ष और विपक्ष में जोरदार तर्क दिए। युवाओं की सोच और पर्यावरण के प्रति उनकी गंभीरता ने कार्यक्रम को और भी उद्देश्यपूर्ण बना दिया।
खास कार्यक्रम
पक्षी अवलोकन शिविर: सुबह 6 से 8:30 बजे तक, सभी के लिए खुला
कॉलेज विद्यार्थियों के लिए कार्यशाला: वन्यप्राणी रेस्क्यू और मॉनिटरिंग उपकरणों पर (सुबह 9 से 12 बजे)
नेचर और वाइल्डलाइफ एक्सपो: स्कूल छात्रों के लिए (सुबह 10 बजे से)
वाद-विवाद प्रतियोगिता: “वन्यजीव संरक्षण के साथ विकास संभव है” विषय पर (सुबह 10:30 से)
वॉक-थ्रू क्विज और प्रदर्शनी: से नो टू प्लास्टिक, मानव-वन्यजीव सह-अस्तित्व और मिशन लाइफ जैसे विषयों पर — स्नेक पार्क, टाइगर बाड़े और विहार वीथिका में