स्वतंत्रता दिवस की 79वीं वर्षगांठ पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने बड़ी घोषणा की। मुख्यमंत्री राज्य स्तरीय समारोह में पदक प्राप्त करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के सम्मान समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने मध्य प्रदेश पुलिस के लिए बड़ी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमारी पुलिस बेहद चुनौतियों के बीच अपना दायित्व निर्वहन करती है।
By: Arvind Mishra
Aug 16, 20251 hour ago
स्वतंत्रता दिवस की 79वीं वर्षगांठ पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने बड़ी घोषणा की। मुख्यमंत्री राज्य स्तरीय समारोह में पदक प्राप्त करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के सम्मान समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने मध्य प्रदेश पुलिस के लिए बड़ी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमारी पुलिस बेहद चुनौतियों के बीच अपना दायित्व निर्वहन करती है। इसलिए इनका कल्याण हमारी प्राथमिकता है। अभी पुलिस विभाग की भर्ती कर्मचारी चयन मंडल से होती है। इसमें कुछ वक्त लग जाता है। सीएम ने पुलिस को जल्द से जल्द मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए घोषणा करते हुए कहा कि अब प्रदेश में मप्र पुलिस भर्ती बोर्ड का गठन किया जाएगा। इससे पुलिस भर्तियों में तेजी, पारदर्शिता और परफेक्शन आएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 के लिए स्वीकृत पदों की भर्ती मप्र पुलिस भर्ती बोर्ड की ओर से कर्मचारी चयन मंडल, भोपाल द्वारा की जाएगी। आगामी वर्षों की भर्तियां पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा की जाएंगी। साढ़े सात हजार पदों को भरने की अनुमति दी है। इसके बावजूद 20 हजार पद खाली हैं। यदि यह भर्ती होते होते दो हजार पद फिर खाली हो जाएंगे। क्यों खाली रखना चाहिए। इसलिए हम साढ़े सात हजार पद इस साल भरेंगे। साढ़े सात हजार पद अगले साल भरेंगे और तीन साल के अंदर सभी पदों को भर देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस, जेल और नगर सेना एवं सुरक्षा तीनों विभागों के शहीदों की विधवाओं और बच्चों के लिए स्नातक स्तर के सभी कोर्सेस में विभिन्न प्राथमिकता श्रेणियों में एक अतिरिक्त सीट पर आरक्षण दिया जाएगा। पुलिस भर्ती पर विशेष जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष हमने 7,500 रिक्त पदों पर भर्ती की अनुमति दी है। पुलिस के करीब 22 हजार 500 पदों पर भर्ती होनी है। इसलिए अब हर साल 7,500-7,500 पदों पर भर्ती कर तीन साल में पुलिस विभाग के सभी रिक्त पद भर दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वीवीआईपी ड्यूटी में तैनात सुरक्षा कर्मचारियों सहित उप पुलिस अधीक्षक और इससे उच्च अधिकारियों को भी अब छठवें वेतनमान का पद पात्रतानुसार निर्धारित विशेष भत्ता एवं जोखिम भत्ता दिया जाएगा। गृह विभाग से जुड़ी सभी सेवाओं के आधुनिकीकरण एवं भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए बहुत जल्द गृह एवं वित्त विभाग की संयुक्त बैठक कर सभी लंबित मसलों का समुचित समाधान निकाला जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुशासन, आज्ञाकारिता और सेवा समर्पण ही यूनिफॉर्म सर्विसेस की मूल पहचान है। अपनी जिम्मेदारियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन और समर्पित सेवाओं से आपने न केवल अपने विभाग, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश का मान बढ़ाया है। मुख्यमंत्री ने अपनी असाधारण सेवाओं और उत्कृष्ट योगदान के लिए पदक विजेताओं के कुशल कार्यपालिक कार्य को प्रेरणास्रोत बताते हुए कहा कि कर्तव्यनिष्ठा और पूर्ण सेवाभाव से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नए दौर का भारत है। मध्यप्रदेश भी विकास की ओर एक नई उड़ान पर है। नक्सलवाद हमारे लिए गंभीर चुनौती है, यह देश के लोकतंत्र के लिए हानिकारक है। हमने तय किया है कि प्रधानमंत्री मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में मार्च 2026 तक हम मध्यप्रदेश को नक्सलमुक्त कर देंगे।
स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर 65 पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को पदक देकर सम्मानित किया गया। इसमें वीरता के लिए 12 पुलिस अधिकारियों को पुलिस वीरता पदक, विशिष्ट सेवा के लिए 8 पुलिस अधिकारियों को राष्ट्रपति का पुलिस पदक, विशिष्ट सेवा के लिए जेल, नगर सेवा एवं नगर सुरक्षा के 3 अधिकारियों को विशिष्ट सेवा पदक, 32 पुलिस अधिकारियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक, 5 जेल पुलिस अधिकारियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक तथा नगर सेवा एवं नगर सुरक्षा के 8 अधिकारियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक से अलंकृत किया गया है।