जब राही पहली बार शूटिंग रेंज में पहुंचीं, तो उन्हें पिस्टल और राइफल का अंतर तक नहीं पता था। बगैर कुछ सोचे, जो राही के हाथ में आया, उन्होंने उसे ही उठा लिया। करीब 6 महीनों की ट्रेनिंग में राही ने खुद को साबित कर दिखाया था।
By: Prafull tiwari
Oct 29, 20255:18 PM
नई दिल्ली । भारत की प्रसिद्ध निशानेबाज राही सरनोबत को 'पिस्टल क्वीन' के नाम से पहचाना जाता है। 25 मीटर पिस्टल इवेंट के लिए ओलंपिक गेम्स में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला राही सरनोबत आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय पिस्टल निशानेबाज हैं। 30 अक्टूबर 1990 को कोल्हापुर में जन्मीं राही सरनोबत का निशाना बचपन से ही बेहद शानदार था। राही की प्रतिभा को देखते हुए साथियों ने उनका मनोबल बढ़ाया, जिसके बाद उन्होंने इस खेल में अपना करियर बनाने की सोची।
जब राही पहली बार शूटिंग रेंज में पहुंचीं, तो उन्हें पिस्टल और राइफल का अंतर तक नहीं पता था। बगैर कुछ सोचे, जो राही के हाथ में आया, उन्होंने उसे ही उठा लिया। करीब 6 महीनों की ट्रेनिंग में राही ने खुद को साबित कर दिखाया था। उन्होंने नेशनल शूटिंग कैंप में दो गोल्ड और एक ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। ये मेडल पिस्टल इवेंट में आए थे। फिर राही ने जूनियर चैंपियनशिप का सुपर कप भी जीता, जिसका आयोजन जर्मनी में हुआ था।
इसके बाद राही सरनोबत ने कॉमनवेल्थ यूथ गेम्स के 25 मीटर पिस्टल इवेंट में गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इस जीत ने उन्हें बुलंदियों तक पहुंचा दिया था। यहां से राही ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। शांत स्वभाव और सटीक निशानेबाजी ने उन्हें भारतीय शूटिंग की अग्रणी खिलाड़ियों में शामिल कर दिया। महज 21 साल की उम्र में 2012 लंदन ओलंपिक का हिस्सा बनने वाली राही ने कुल 579 अंकों के साथ 19वां स्थान हासिल किया। सिर्फ 4 अंकों से राही फाइनल कट बनाने से चूक गईं।
राही सरनोबत को ओलंपिक पदक चूकने का मलाल था। उन्होंने भारत लौटकर अपनी कमियों को दूर करने पर फोकस किया। वह आईएसएसएफ वर्ल्ड कप 2013 में कियॉन्गे किम को शिकस्त देकर पिस्टल शूटिंग में वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय शूटर बनीं। 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में राही सरनोबत ने गोल्ड अपने नाम किया। इसी साल एशियन गेम्स में पहला ब्रॉन्ज भी जीता।
इसके बाद एक दुर्घटना में राही सरनोबत की कोहनी को प्रभावित किया, जिससे उबरने में उन्हें वक्त लगा। 2017 में राही शूटिंग रेंज में वापस लौटीं, लेकिन उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सकीं। इसके बाद उन्होंने मुंखबयार दोर्जसुरेन की कोचिंग में ट्रेनिंग जारी रखी और साल 2018 में वह एशियन गेम्स में गोल्ड हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला शूटर बनीं। इसके बाद उन्होंने 2020 टोक्यो ओलंपिक में भी हिस्सा लिया, लेकिन अफसोस मेडल नहीं जीत सकीं। शूटिंग में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राही सरनोबत को 'अर्जुन पुरस्कार' से सम्मानित किया गया है। आज राही सरनोबत युवा शूटर्स के लिए एक आइडल बन चुकी हैं।