वहीं मंत्री ने मैन्युफैक्चरिंग प्रॉसेस के आडिट का आदेश दिया और 2400 किलोवाट की हाइड्रोजन बेस्ड ट्रेन के लॉन्च करने के साथ ग्रीन एनर्जी में एक बड़ी छलांग का ऐलान किया, जो पूरी तरह से भारत में डेवलप हुई है।
By: Arvind Mishra
Oct 16, 20256 hours ago
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
रेल कंपनियां गुणवत्ता में सुधार करें वरना सभी को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। ऐसे किसी भी मैन्युफैक्चरर और सप्लायर को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, जो रेलवे को घटिया माल सप्लाई करते हैं। मुझे पता है कि कई कलपुर्जा निर्माता इसे पसंद नहीं करेंगे, लेकिन यह हमारे यात्रियों की सुरक्षा के लिए बहुत-बहुत अहम है। यह सख्त चेतावनी केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सीआईआई के एक समारोह के दौरान दी। मंत्री ने सख्त लहजे में कहा कि ऐसी कंपनियों पर सख्त रवैया अपनाते हुए ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। वहीं मंत्री ने मैन्युफैक्चरिंग प्रॉसेस के आडिट का आदेश दिया और 2400 किलोवाट की हाइड्रोजन बेस्ड ट्रेन के लॉन्च करने के साथ ग्रीन एनर्जी में एक बड़ी छलांग का ऐलान किया, जो पूरी तरह से भारत में डेवलप हुई है। ट्रैक और उपकरण आपूर्तिकर्ताओं को संबोधित करते हुए रेल मंत्री वैष्णव ने प्रोडक्ट्स के सेलेक्शन से लेकर सप्लाई तक गुणवत्ता नियंत्रण में पूरी तरह से बदलाव करने के लिए कहा।
वैष्णव ने कहा कि जो सुधार नहीं करेंगे, वे हार जाएंगे। मैं सभी से प्रक्रियाओं में सुधार करने के लिए आह्वान करता हूं। उन्होंने रेलवे बोर्ड को ऐसे अधिकारियों की नियुक्ति करने का निर्देश दिया है जो गुणवत्ता की जांच करने में परफेक्ट हों। उन्होंने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्हें घटिया उपकरण बनाने और रेलवे को आपूर्ति करने वाले लोगों को प्रतिबंधित, सूची से हटाना और कभी-कभी ब्लैकलिस्ट भी करना चाहिए। निर्दयी बनें। एक्शन लें। हाथ पर हाथ रखने से कुछ नहीं होगा।
मंत्री ने कहा कि अफसरों की ओर इशारा करते हुए कहा-सख्ती दिखाने के लिए जिम्मेदारों को आगे आना होगा। घटिया सामग्री सप्लाई करने वालों पर कोई रहम नहीं किया जाएगा। चाहे सिग्नलिंग हो, अर्थिंग हो, ट्रैक उपकरण हों, या लोकोमोटिव के पुर्जे हों। सभी प्रोडक्ट्स में 10 गुना सुधार चाहिए।
रेल मंत्री ने आरडीएसओ की भूमिका पर भी जोर दिया, जो पिछले 3 सालों से स्पेसिफिकेशन अपग्रेडशन पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह काम बहुत तेजी से आगे बढ़ना चाहिए। यह एक महत्वाकांक्षी समाज है। लोग 1950 या 60 के दशक की सेवाओं से खुश नहीं होंगे। 2025 की दुनिया विश्वस्तरीय रेल यात्रा की हकदार है और इसकी मांग भी करती है।
रेल मंत्री वैष्णव ने भारत की पहली 2400 किलोवाट की हाइड्रोजन ट्रेन का प्रदर्शन किया और इसे एक साहसिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि हमने इस तकनीक का आयात न करने का एक कठिन फैसला लिया है। हम नई तकनीकों में सबसे आगे होंगे।