मध्यप्रदेश में यूरिया की जबर्दस्त कमी है। इसके लिए प्रदेशभर के किसान परेशान हो रहे हैं। छिंदवाड़ा... रीवा...चंबल अंचल... जैसे जिलों में खाद के लिए किसान रात 3 बजे से लाइन में लग रहे हैं तब भी मायूस होकर लौट रहे हैं। पिछले करीब एक महीने से यूरिया के लिए मारामारी मच रही है।
By: Arvind Mishra
Aug 21, 20251 hour ago
मध्यप्रदेश में यूरिया की जबर्दस्त कमी है। इसके लिए प्रदेशभर के किसान परेशान हो रहे हैं। छिंदवाड़ा... रीवा...चंबल अंचल... जैसे जिलों में खाद के लिए किसान रात 3 बजे से लाइन में लग रहे हैं तब भी मायूस होकर लौट रहे हैं। पिछले करीब एक महीने से यूरिया के लिए मारामारी मच रही है। किसानों ने इसके लिए धरना, प्रदर्शन, आंदोलन सब कुछ किया है पर यूरिया की जगह उन्हें सिर्फ आश्वासन और पुलिस की लाठियां मिल रहीं हैं। इससे प्रदेश के किसानों में खासी नाराजगी है। दरअसल, मध्य प्रदेश में खरीफ फसलों की बोवनी हो चुकी है। अब किसानों को सर्वाधिक जरूरत यूरिया की है, लेकिन इसकी कमी बरकरार है। जगह-जगह खाद लेने के लिए लाइनें लग रही हैं, लेकिन सरकार का दावा है कि यूरिया पर्याप्त है। अभी तक लगभग 13.87 लाख टन यूरिया का वितरण हो चुका है। देखा जाए तो यह पिछले वर्ष की तुलना में लगभग दो हजार टन कम है। वहीं, खाद की कमी को लेकर कांग्रेस धरना-प्रदर्शन कर रही है।
मध्य प्रदेश में 140 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बोवनी हुई है। पांच लाख हेक्टेयर मक्का का क्षेत्र बढ़ा है तो आठ लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता में वृद्धि हुई है। इसे देखते हुए राज्य के प्रस्ताव पर भारत सरकार ने वर्ष 2025 खरीफ सीजन के लिए यूरिया का आवंटन 17.42 लाख किया था। इसमें से 16 अगस्त तक 11.88 लाख टन यूरिया मिल चुका है। अग्रिम भंडार को मिलाकर 13.87 लाख टन यूरिया किसानों को उपलब्ध कराया जा चुका है। 1.63 लाख टन यूरिया अभी समितियों के गोदाम में है, जो वितरित किया जा रहा है। डेढ़ माह में 5.60 लाख यूरिया और मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से यूरिया का स्वीकृत आवंटन जल्द उपलब्ध कराने की मांग की है। छिंदवाड़ा, अशोक नगर व राजगढ़ सहित अन्य जिलों में किसान खाद के लिए सुबह से लेकर रात तक सहकारी समितियों के गोदाम के बाहर लाइनें लगाकर खड़े हैं। कांग्रेस के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सवाल उठाया है कि जब खाद पर्याप्त है तो किसान खेत के स्थान पर गोदामों के बाहर क्यों खड़े हैं।
किल्लत के बची मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यूरिया की उपलब्धता के संबंध में अहम बयान दिया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 5.60 लाख मेट्रिक टन यूरिया प्राप्त होने की संभावना है। यह मात्रा आगामी डेढ़ माह में मिल जाएगी। सीएम ने बताया कि यूरिया का कुल भंडारण 15.60 लाख मेट्रिक टन है। इसमें से 13.92 लाख मेट्रिक टन यूरिया किसानों को वितरित की जा चुकी है और 1.68 लाख मेट्रिक टन यूरिया शेष है। प्रदेश में मक्का का क्षेत्रफल करीब 5 लाख हेक्टेयर बढ़ जाने के कारण यूरिया की मांग बढ़ी है। प्रदेश में आगामी डेढ़ माह में 5.60 लाख मेट्रिक टन यूरिया प्राप्त होने की संभावना है।