अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एक एक्जिक्यूटिव आदेश जारी किया है। इसका मकसद उन बच्चों और युवाओं की मदद करना है, जो फोस्टर केयर में बचपन बिताने के बाद अचानक अपने बलबूते जिंदगी शुरू करने को मजबूर हो जाते हैं। यह फैसला मेलानिया ट्रंप की पहल पर किया गया है।
By: Sandeep malviya
Nov 14, 20256:25 PM
वॉशिंगटन ।अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को एक अहम 'फॉस्टरिंग द फ्यूचर' नाम का एक्जिक्यूटिव आदेश पर हस्ताक्षर किए। इसका मकसद उन बच्चों और युवाओं की मदद करना है, जो फोस्टर केयर में बचपन बिताने के बाद अचानक अपने बलबूते जिंदगी शुरू करने को मजबूर हो जाते हैं।
मेलानिया की पहल पर लिया गया फैसला
यह कदम अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप की पहल पर आगे बढ़ाया गया है, जो काफी समय से फोस्टर केयर सिस्टम को आधुनिक और अधिक मानवीय बनाने पर काम कर रही हैं। ट्रंप ने इस मौके पर कहा, 'समाज की असल पहचान यह है कि वह अपने अनाथ और कमजोर बच्चों की कितनी परवाह करता है। हम चाहते हैं कि हर बच्चा सुरक्षित और प्यार भरा घर पाए।'
फोस्टर केयर से निकलने के बाद अकेले पड़ जाते हैं बच्चे
उन्होंने बताया कि हर साल करीब 15,000 बच्चे ऐसे होते हैं जो फोस्टर केयर से बाहर निकलने के बाद पूरी तरह अकेले पड़ जाते हैं और जरूरी संसाधनों की कमी से जूझते हैं। नए आदेश से इन युवाओं को शिक्षा, नौकरी, घर और आत्मनिर्भरता की राह में मदद मिलेगी। ट्रंप ने कहा, 'हमारा मानना है कि हर अमेरिकी बच्चे को सुरक्षित और प्यार भरा माहौल मिलना चाहिए। यह आदेश उन परिवारों को भी समर्थन देगा जो फोस्टर बच्चों की देखभाल करते हैं।'
ये देश में बदलाव की चिंगारी है- मेलानिया
अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप ने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह आदेश सिर्फ एक दस्तावेज नहीं, बल्कि एक पूरे देश में बदलाव की चिंगारी है। उन्होंने कहा, 'यह आदेश मेरे लिए गर्व की बात है। इसमें दया भी है और दूरदर्शिता भी। मुझे यकीन है कि यह छोटा कदम आगे चलकर बड़े बदलाव की शुरूआत बनेगा।' यह पहल अमेरिकी फोस्टर केयर व्यवस्था को अधिक न्यायसंगत, आधुनिक और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।