भारत के उभरते हुए क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी के लिए आज यानी शुक्रवार का दिन बेहद खास रहा। 14 साल के वैभव को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजा गया, जो भारत में बच्चों को दिया जाने वाला सबसे बड़ा अवॉर्ड है। वैभव को यह पुरस्कार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में प्रदान किया।
By: Arvind Mishra
Dec 26, 20252:32 PM

नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
भारत के उभरते हुए क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी के लिए आज यानी शुक्रवार का दिन बेहद खास रहा। 14 साल के वैभव को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजा गया, जो भारत में बच्चों को दिया जाने वाला सबसे बड़ा अवॉर्ड है। वैभव को यह पुरस्कार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में प्रदान किया। वहीं राष्ट्रीय बाल पुरस्कार पाने वाले बच्चों में आपरेशन सिंदूर के दौरान बॉर्डर पर जवानों को चाय-नाश्ता देने वाले फिरोजपुर के श्रवण सिंह भी शामिल हैं। दो बच्चों को मरणोपरांत पुरस्कार दिया गया। इनमें तमिलनाडु की ब्योमा और बिहार के कमलेश कुमार का नाम शामिल है। इनके पुरस्कार माता-पिता ने लिए।

20 बच्चों का सम्मान
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 5 से 18 साल के बच्चों को खेल, बहादुरी, नवाचार, विज्ञान, समाज सेवा और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों के लिए दिया जाता है। इस साल कुल 20 बच्चों को इस सम्मान के लिए चुना गया था, जिनमें वैभव भी शामिल थे।
राष्ट्रपति मुर्मू बोली-असाधारण योगदान
सम्मान समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा-समय की कमी के कारण भले ही सभी के नाम ना लिए जा सकें, लेकिन हर बच्चे ने अपने-अपने क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया है। इसके साथ ही उन्होंने बच्चों की सफलता का श्रेय उनके माता-पिता और परिवारों को भी दिया। मैं महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी और उनकी पूरी टीम की भी तारीफ करती हूं कि उन्होंने इतने प्रतिभाशाली और होनहार बच्चों के लिए पुरस्कार समारोह आयोजित किया।
मोदी बोले-अदम्य साहस, शौर्य और वीरता की पराकाष्ठा
नई दिल्ली के भारत मंडपम में पीएम नरेंद्र मोदी भी सभी बच्चों से मिले। पीएम ने संबोधित करते कहा- आज देश वीर बाल दिवस मना रहा है। आज हम उन वीर साहबजादों को याद कर रहे हैं, जो हमारे भारत का गौरव हैं। जो अदम्य साहस, शौर्य और वीरता की पराकाष्ठा हैं। वे वीर साहबजादे, जिन्होंने उम्र और अवस्था की सारी सीमाओं को तोड़ दिया। जो क्रूर मुगल सल्तनत के सामने ऐसे चट्टान की तरह खड़े हुए कि मजहबी कट्टरता और आतंक का वजूद ही हिला दिया।
गुजरात की 7 साल की ग्रैंडमास्टर को बाल पुरस्कार
सूरत गुजरात की रहने वाली 7 साल की शतरंज खिलाड़ी वाका लक्ष्मी प्रज्ञिका को खेल के क्षेत्र में पुरस्कार मिला। मेडचल मलकाजगिरी तेलंगाना के रहने वाले 16 साल के विश्वनाथ कार्तिकेय पदकांति को खेल के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पुरस्कार मिला।
नक्सली एरिया में जन्मी जूडो खिलाड़ी को पुरस्कार
कोनागांव, छत्तीसगढ़ की रहने वाली 14 साल की योगिता मंडावी को खेल में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया। झारखंड की 14 साल की फुटबॉलर अनुष्का को खेल कैटेगरी में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिला। वहीं असम की आयशी प्रिषा बोराह को वेस्ट पेपर से पेंसिल बनाने की मशीन बनाने वाली को पुरस्कार मिला।
बिना धूल की थ्रेसर मशीन बनाने वाली पूजा को पुरस्कार
चंडीगढ़ के 17 साल के वंश को सामाजिक सेवा के लिए पुरस्कार मिला। उड़ीसा के गजपति की जोशना साबर को खेल के क्षेत्र में पुरस्कार मिला। उत्तरप्रदेश के बाराबंकी की 17 साल की पूजा को पर्यावरण के क्षेत्र में पुरस्कार मिला। पूजा ने एक बिना धूल वाली थ्रेसर मशीन बनाई है।
बंगाल के सुमन को कला क्षेत्र में बाल पुरस्कार
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में रहने वाले 16 साल के तबला वादक सुमन सरकार को कला और संस्कृति के क्षेत्र में पुरस्कार मिला। मिजोरम की 9 साल की एस्तेर लालदुहावमी हनामते को कला और संस्कृति के लिए पुरस्कार मिला। आंध्र प्रदेश की 17 साल की शिवानी होसरु उप्परा दिव्यांग पैरा एथलीट हैं। खेल के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
मगरमच्छ को लकड़ी से मारकर पिता को बचाया
उत्तरप्रदेश के 9 साल के अजय राज को साहस के लिए अवॉर्ड दिया गया। आगरा के अजय ने अपने पिता को मगरमच्छ की पकड़ से बचाया था। उन्होंने लकड़ी से वार कर मगरमच्छ को मारा था।