By: Sandeep malviya
Jun 04, 20255:26 PM
ढाका। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने देश के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान को दिए गए 'राष्ट्रपिता' के दर्जे को खत्म कर दिया है। स्वतंत्रतता सेनानियों से जुड़े कानून में संशोधन करके यह बदलाव किया गया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी दी गई। यह फैसला मंगलवार को ऐसे वक्त में आया, जब कुछ दिन पहले ही मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने शेख मुजीबुर्रहमान की तस्वीर को नए मुद्रा (करंसी) नोटों से हटा दिया है। 'ढाका ट्रिब्यून' अखबार के मुताबिक, 'अंतरिम सरकार ने 'राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानी परिषद अधिनियम' में संशोधन किया है, जिससे स्वतंत्रता सेनानी की परिभाषा को बदल दिया गया है।'
बांग्लादेश के कानून, न्याय और संसदीय कार्य मंत्रालय ने इस संशोधन से जुड़ा अध्यादेश मंगलवार की रात को जारी किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि कानून में 'राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान' शब्द को भी संशोधित किया गया है। एक स्थानीय न्यूज पोर्टल की रिपोर्ट के मुताबिक, नए कानून से 'राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान' शब्द को हटा दिया गया है। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि कानून में जहां-जहां बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान का नाम पहले लिखा हुआ था, उन हिस्सों को भी पूरी तरह से मिटा दिया गया है। सरकार की ओर से जारी नए अध्यादेश में मुक्ति युद्ध की परिभाषा में भी थोड़े लेकिन महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। नई परिभाषा में बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान का नाम पूरी तरह हटा दिया गया है। ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक, नए अध्यादेश में यह भी बदलाव किया गया है कि किसे मुक्ति युद्ध से सीधे जुड़ा हुआ माना जाएगा।
संशोधित कानून के अनुसार, मुजीबनगर सरकार यानी युद्धकालीन निर्वासित सरकार से जुड़े सभी संसद सदस्य और विधायक जिन्हें पहले संविधान सभा का सदस्य माना जाता था, अब स्वतंत्रता सेनानी नहीं कहलाए जाएंगे। अब उन्हें एक नई श्रेणी 'स्वतंत्रता संग्राम के सहयोगी' में रखा गया है।