भारती एयरटेल ने टाटा की तेजस नेटवर्क पर BSNL के लिए लगाए गए 800 MHz 4G उपकरणों से उसके 900 MHz नेटवर्क में इंटरफेरेंस पैदा करने का आरोप लगाया है। तेजस ने आरोपों को खारिज करते हुए स्पेक्ट्रम ओवरलैप को वजह बताया। स्वदेशी तकनीक के लिए बड़ी चुनौती।
By: Ajay Tiwari
Nov 22, 20254:42 PM
नई दिल्ली: स्टार समाचार वेब
भारत की दो प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों, भारती एयरटेल और टाटा समूह की तेजस नेटवर्क, के बीच 4G उपकरणों की क्वालिटी को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। एयरटेल ने तेजस नेटवर्क को भेजे एक पत्र में दावा किया है कि तेजस द्वारा BSNL के लिए लगाए जा रहे 800 MHz बैंड के उपकरण उसके 900 MHz नेटवर्क में हस्तक्षेप (इंटरफेरेंस) पैदा कर रहे हैं, जिससे राजस्थान सर्कल में दिसंबर से उसकी सर्विस क्वालिटी प्रभावित हो रही है। एयरटेल का आरोप है कि यह दखलंदाजी तेजस के उपकरणों की कमजोर क्वालिटी के कारण हो रही है, जो निर्धारित फ्रीक्वेंसी सीमाओं से बाहर भी तरंगें उत्सर्जित कर रहे हैं।
तेजस के फिल्टर डिजाइन में दोष
एयरटेल ने तकनीकी खामी बताते हुए कहा कि तेजस के फिल्टर डिजाइन में दोष है, क्योंकि वे 864-894 MHz की अंतरराष्ट्रीय रेंज पर आधारित हैं, जबकि भारत में 800 MHz डाउनलिंक की सीमा 869-889 MHz तय है। कंपनी का तर्क है कि यह मिसअलाइन्मेंट उसके 900 MHz नेटवर्क में प्रवेश कर रहा है और भारतीय फ्रिक्वेंसी प्लान का उल्लंघन है।
तेजस नेटवर्क ने किया आरोपों को खारिज
तेजस नेटवर्क ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि उनके उपकरण 3GPP मानकों और BSNL के तकनीकी निर्देशों का पूरी तरह पालन करते हैं। तेजस ने इसे हार्डवेयर की खामी नहीं बल्कि राजस्थान में करीबी फ्रीक्वेंसी बैंड्स के ऐतिहासिक स्पेक्ट्रम ओवरलैप का मामला बताया है।
कंपनी ने कहा है कि वह इस समस्या को दूर करने के लिए DoT, Airtel और BSNL के साथ मिलकर अतिरिक्त फिल्टरिंग पर काम कर रही है। यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब सरकार स्वदेशी टेलीकॉम उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा दे रही है, और यह घटना बड़े पैमाने पर स्वदेशी तकनीक के क्रियान्वयन में तकनीकी संतुलन और स्पेक्ट्रम प्रबंधन की चुनौती को दर्शाती है।