बेंगलुरु के शिवाजीनगर मेट्रो स्टेशन का नाम बदलने का प्रस्ताव राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस कदम को छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान बताया है। जानें इस मुद्दे पर क्या है भाजपा और शिवसेना (उद्धव गुट) का रुख।
By: Ajay Tiwari
Sep 11, 202512 hours ago
मुंबई. स्टार समाचार वेब
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बेंगलुरु के शिवाजीनगर मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर 'सेंट मैरी' करने के प्रस्ताव को छत्रपति शिवाजी महाराज का सीधा अपमान बताया है। इस बयान के बाद विवाद और भी गहरा गया है।
फडणवीस ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर निशाना साधते हुए कहा कि वे प्रार्थना करते हैं कि सिद्धारमैया को सही समझ आए और वे इस धार्मिक आधार पर लिए गए 'गलत फैसले' को आगे न बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम हटाकर किसी धार्मिक आधार पर स्टेशन का नाम रखना पूरी तरह से अस्वीकार्य है। उन्होंने इसे कांग्रेस का पुराना रवैया बताया, जो नेहरू के समय से ही शिवाजी का 'अपमान' करती रही है।
क्या है पूरा मामला? यह विवाद तब शुरू हुआ जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सेंट मैरी बेसिलिका में वार्षिक पर्व के दौरान कांग्रेस विधायक रिजवान अरशद की मांग पर इस प्रस्ताव पर विचार करने की बात कही। कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने भी कहा था कि इस तरह की सामुदायिक मांगों पर विचार करना एक सामान्य बात है।
भाजपा और शिवसेना (UBT) की प्रतिक्रिया
भाजपा ने इस कदम को 'तुष्टिकरण की राजनीति' बताया। कर्नाटक विधान परिषद में विपक्ष के नेता चलवाड़ी नारायण स्वामी ने कहा कि कांग्रेस को अपनी सीमा पार नहीं करनी चाहिए, और तुष्टिकरण ने उनकी पार्टी को बर्बाद कर दिया है। महाराष्ट्र विधान परिषद की सदस्य चित्रा वाघ ने कहा कि कांग्रेस की शिवाजी महाराज के प्रति 'घृणा' उजागर हो गई है।
कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना (उद्धव गुट) ने इस मुद्दे पर राजनीति से बचने की अपील की। पार्टी प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि वे सिद्धारमैया को पत्र लिखकर मेट्रो स्टेशन का नाम छत्रपति शिवाजी के नाम पर ही रखने का आग्रह करेंगे। उन्होंने भाजपा पर 'आग भड़काने' का आरोप भी लगाया।