मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भोपाल यूनियन कार्बाइड (यूका) फैक्ट्री के जहरीले कचरे की राख को धार जिले के पीथमपुर फैक्ट्री परिसर में ही दफनाने का आदेश दिया। कोर्ट ने राज्य सरकार को दो माह में निपटान रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
By: Ajay Tiwari
Dec 13, 20256:45 PM
जबलपुर. स्टार समाचार वेब
भोपाल गैस त्रासदी से जुड़े यूनियन कार्बाइड (यूका) फैक्ट्री के जहरीले कचरे की राख के सुरक्षित निपटान के मामले में मध्य प्रदेश सरकार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से एक बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट की जबलपुर स्थित डिवीजन बेंच ने स्पष्ट आदेश दिया है कि इस जहरीली राख को धार जिले के पीथमपुर में स्थित फैक्ट्री परिसर के अंदर ही दफन (निपटान) किया जाए।
जस्टिस विवेक कुमार सिंह और जस्टिस अजय कुमार निरंकारी की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार को यह निर्देश देते हुए उस पिछली बाधा को दूर किया है, जिससे निपटान प्रक्रिया रुकी हुई थी। इस नए आदेश के माध्यम से, कोर्ट ने 8 अक्टूबर को जस्टिस श्रीधरन की एकल बेंच द्वारा दिए गए उस आदेश को शिथिल (कम प्रभावी) कर दिया, जिसमें राख को आबादी से दूर किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर दफनाने की बात कही गई थी। कोर्ट ने अब पीथमपुर फैक्ट्री परिसर में ही विनष्टीकरण की प्रक्रिया को स्वीकार कर लिया है।
हाइलाइट्स
यूका फैक्ट्री के जहरीले कचरे की राख को पीथमपुर फैक्ट्री परिसर में ही दफनाने का आदेश।
आबादी से दूर नए स्थान पर दफनाने के एकल बेंच के पूर्व आदेश को बदला गया।
नए आदेश से कचरा निपटान और विनष्टीकरण की प्रक्रिया में तेजी आएगी।
राज्य सरकार को विनष्टीकरण कार्रवाई पूरी कर दो माह के भीतर कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश।
दो माह में कोर्ट को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश
यह मामला लंबे समय से न्यायिक प्रक्रिया में था, जिसमें पहले कचरे को पीथमपुर ले जाकर विनष्टीकरण करने का आदेश दिया गया था। अब हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यह कार्रवाई पूरी कर दो माह बाद कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सुनवाई दो माह बाद निर्धारित की है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि 3 दिसंबर 2024 के पूर्व चीफ जस्टिस की बेंच के आदेश के तहत निर्धारित निपटान कार्रवाई पूरी हो चुकी है।