भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने "पर्यावरण से समन्वय" संगोष्ठी का उद्घाटन किया। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के कार्यों में पर्यावरण संरक्षण, गुणवत्ता और पारदर्शिता पर बल दिया। जानें, कैसे मध्य प्रदेश में सड़कों के निर्माण में नए प्रयोग हो रहे हैं।
By: Ajay Tiwari
भोपाल. स्टार समाचार वेब.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को भोपाल के रवींद्र भवन में "पर्यावरण से समन्वय" विषय पर एक संगोष्ठी-सह-प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस अवसर पर लोक निर्माण विभाग के इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास कार्यों पर आधारित एक लघु फिल्म भी दिखाई गई।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पर्यावरण और लोक निर्माण का संबंध सूर्य और चंद्रमा जैसा है, जहां दोनों अपनी-अपनी भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि इंजीनियर अपने तकनीकी ज्ञान और उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए ज्ञान को विज्ञान में बदलते हैं। उन्होंने प्राचीन भारतीय स्थापत्य कला का उदाहरण देते हुए भोपाल के बड़े तालाब का जिक्र किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश में सड़कों के निर्माण में पर्यावरण संरक्षण का खास ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुराने समय में घर ऐसे बनते थे जो हर मौसम के अनुकूल होते थे। वर्तमान में, राज्य सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास कार्यों में गुणवत्ता, लागत, शुचिता और पारदर्शिता पर विशेष ध्यान दे रही है। लोक निर्माण विभाग सड़कों के निर्माण में नए प्रयोग कर रहा है। जहां की मिट्टी कमजोर है, वहां डामर की बजाय सीसी रोड बनाई जा रही हैं। डॉ. यादव ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानव दर्शन के 60 वर्ष पूरे होने पर उनके विचारों का भी स्मरण किया। उन्होंने कहा कि प्रकृति के साथ बेहतर तालमेल के लिए सभी विभागों को लीक से हटकर सोचना होगा।