कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में मनरेगा का नाम बदलकर VB G RAM G करने का कड़ा विरोध। मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना। 5 जनवरी से देशभर में शुरू होगा अभियान
By: Ajay Tiwari
Dec 27, 20254:39 PM
नई दिल्ली | स्टार समाचार वेब
दिल्ली के इंदिरा भवन में शनिवार को आयोजित कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की उच्चस्तरीय बैठक में केंद्र सरकार के विरुद्ध एक बड़ा मोर्चा खोलने का निर्णय लिया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने घोषणा की है कि मनरेगा (MGNREGA) का नाम बदलकर 'VB G RAM G' करने के विरोध में पार्टी आगामी 5 जनवरी से देशव्यापी आंदोलन शुरू करेगी। बैठक की शुरुआत में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि भी अर्पित की गई।
बैठक को संबोधित करते हुए सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के इस फैसले को 'वन मैन शो' करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि कैबिनेट और राज्यों से परामर्श किए बिना सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से यह निर्णय थोपा गया है। राहुल गांधी ने कहा, "मनरेगा केवल एक योजना नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों के लिए 'न्यूनतम आय' सुनिश्चित करने वाला एक कानूनी अधिकार था। नाम बदलकर इसे अधिकार-आधारित संकल्पना (Right-based Concept) से दूर किया जा रहा है, जिसका सीधा नुकसान ग्रामीण अर्थव्यवस्था को होगा और इसका लाभ केवल चुनिंदा अरबपतियों को मिलेगा।"
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को 'गांधी' सरनेम से ही दिक्कत है, इसलिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम योजना से हटाया गया है। उन्होंने अपनी स्पीच में चार प्रमुख बिंदुओं पर जोर दिया:
अधिकारों का हनन: मनरेगा सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह की टीम की दूरदर्शिता थी, जिसने लाखों परिवारों को भुखमरी से बचाया।
महात्मा गांधी का अपमान: गांधी जी का नाम हटाना केवल एक परिवार का नहीं, बल्कि राष्ट्रपिता का अपमान है।
अमीरों की सरकार: जब भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, तो गरीबों के निवाले (मनरेगा) पर प्रहार क्यों किया जा रहा है? सरकार मजदूरों के बजाय पूंजीपतियों का साथ दे रही है।
लोकतांत्रिक साजिश: खड़गे ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण (SIR) को भी दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के वोट हटाने की एक सुनियोजित साजिश बताया।
बिहार चुनाव के नतीजों के बाद हुई इस पहली CWC बैठक में कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए। वरिष्ठ नेता शशि थरूर की उपस्थिति ने भी सबका ध्यान खींचा। बैठक में 'जी राम जी बिल' के खिलाफ विधायी रणनीति तैयार की गई। साथ ही, कांग्रेस ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की और देश के भीतर क्रिसमस समारोहों पर हो रहे हमलों को भारत की वैश्विक छवि के लिए नुकसानदायक बताया।
कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि वह मनरेगा के मूल स्वरूप की रक्षा के लिए पंचायतों से लेकर संसद तक संघर्ष करेगी। पार्टी का मानना है कि राज्यों के वित्तीय अधिकारों को छीनकर केंद्र सत्ता का केंद्रीकरण कर रहा है।