सिंगरौली जिले की देवसर तहसील और एसडीएम कार्यालय के कई कर्मचारी स्थानांतरण और सेवानिवृत्ति के बाद भी सरकारी आवास खाली नहीं कर रहे हैं। वर्षों से आवास पर ताला डालकर कब्जा जमाए बैठे इन कर्मचारियों की मनमानी से जरुरतमंद अधिकारियों को मकान नहीं मिल पा रहा। प्रशासनिक लापरवाही और कर्मचारियों की हेकड़ी पर सवाल उठ रहे हैं।
By: Yogesh Patel
Aug 22, 2025just now
हाइलाइट्स
सिंगरौली, स्टार समाचार वेब
पद से हटने या फिर स्थानांतरण होने के बाद सरकार के बड़े ओहदे पर बैठे माननीय हों या फिर अधिकारी कुछ ही महीनों में आवास खाली कर देते हैं। जिससे उस आवास का लाभ अन्य जरुरत मंद अधिकारियों या फिर कर्मचारियों मिल सके। लेकिन देवसर तहसील एवं एसडीएम कार्यालय के कर्मचारी एवं बाबू का हाल इसके विपरीत है। यहां से वर्षो पहले स्थानांतरण के होने के बाद भी वे आवास को खाली नहीं किये हैं जबकि उन मकानों का वे उपयोग नहीं कर रहे। महज ताला बंद कर उस पर कब्जा जमाये हुये हैं। इसे उनकी लापरवाही माने या फिर हेकडी। उनकी इस करतूत से अव्यवस्था का आलम है। जरुरत मंद अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिये वह मकान उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। उल्लेखनीय है कि देवसर तहसील में पदस्थ रहे राजस्व निरीक्षक बलजीत रावत वर्तमान में सेवानिवृत्त हो चुके हैं इनके नाम से पीडब्लयू डीआर 41बी मकान आवंटित है। सेवानिवृत्त होने के बाद भी इन्होंने आवास का खाली नहीं किया है,अभी भी अवास में निवास कर रहे हैं। जबकि इन्हें आवास खाली कर देना चाहिये। इसी प्रकार देवसर एसडीएम कार्यालय के भू-अर्जन शाखा के तत्कालीन रीडर भालचन्द्र डेहरिया को पीडब्लूडीआर 35आवास आवंटित है। इनका यहां से स्थानांतरण हो चुका है स्थानांतरण के साथ ही इन्हें आवाश भी खाली कर देना चाहिये था लेकिन इन्होंने भी मानमानी पूर्वक अभी भी आवास पर कब्जा जमाये हुये है। आवास में ताला बंद किये हुये है। आवास में ताला बंद होने एवं साफ -सफाई नहीं होने से वह जर्जर हो रहा है।
एसडीएम रीडर ने भी नहीं खाली किया आवास
आरोप है कि एसडीएम कार्यालय में पदस्थ रीडर पंकज चौधरी की भी मनमानी कम नहीं हैं। इन्होंने भी बलजीत एवं भालचन्द्र की तरह ही वर्षो से सरकारी आवास में कब्जा जमाये हुये हैं। तहसील के पास ही स्थित पीडब्ल्यू डी के मकान में इन्होंने कब्जा जमाये हुये हैं। आवास में ताला बंद किये हुये हैं। न तो आवास का उपयोग कर रहे है और नहीं उसे खाली कर रहे हैं।
बताया गया कि देवसर तहसील एवं एसडीएम कार्यालय सहित अन्य विभागों में वर्तमान में कई अधिकारी एवं कर्मचारी ऐसे हैं जिन्हें वास्तव में सरकारी आवास की जरुरत है लेकिन उन्हें सरकारी आवास नहीं मिल पा रहा है। मजबूरी में वे अन्य निजी मकानों को किराये पर लेकर रह रहे हैं। जहां उन्हें कई तरह की असुविधा का सामना करना पडता है। प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों को इस समस्यों के संबंध में गंभीरता से विचार कर समस्या का समाधान निकालने की जरुरत है। स्थानांतरण एवं सेवानिवृत्त के बाद भी जो कर्मचारी कमरा खाली नहीं कर रहे हैं,उन पर कार्यवाही कर जरुरत मंद कर्मचारियों को आवास उपलब्ध कराना चाहिये।