मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संबल 2.0 योजना के तहत 7227 श्रमिक हितग्राहियों के बैंक खातों में ₹160 करोड़ की अनुग्रह सहायता राशि अंतरित की। जानें इस योजना के लाभ और नए बदलाव।
By: Ajay Tiwari
Dec 16, 20255:37 PM
भोपाल: स्टार समाचार वेब
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य के श्रमिकों को "विकास की सच्ची बुनियाद" बताते हुए मंगलवार को कहा कि सरकार हर परिस्थिति में प्रदेश के मेहनतकश नागरिकों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल 2.0) योजना के तहत 55 जिलों के 7,227 हितग्राहियों के बैंक खातों में एक क्लिक पर ₹160 करोड़ की अनुग्रह सहायता राशि अंतरित की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य उन सभी जरूरतमंदों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना है जो इसके वास्तविक हकदार हैं। उन्होंने कहा कि संबल योजना सिर्फ एक आर्थिक सहायता नहीं है, बल्कि यह सरकार और श्रमिक वर्ग के बीच आपसी भरोसे का रिश्ता है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2018 में योजना शुरू होने के बाद से अब तक 7.76 लाख प्रकरणों में जरूरतमंद हितग्राहियों को ₹7,383 करोड़ की सहायता दी जा चुकी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जीवन में आने वाली अचानक कठिनाइयों में यह जमा-पूंजी (पैसा) ही असली संबल देती है, और राज्य सरकार हर श्रमिक परिवार के मुश्किल वक्त में साथ खड़ी है।
सरकार ने समय के साथ श्रम के बदलते स्वरूप को पहचानते हुए महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं:
गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स: 1 मार्च 2024 से इन्हें भी असंगठित श्रमिक का दर्जा देकर संबल योजना के दायरे में लाया गया है। अब तक 1,400 से अधिक गिग वर्कर्स पंजीकृत किए जा चुके हैं।
स्वास्थ्य सुरक्षा: संबल हितग्राहियों को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा गया है, जिससे उन्हें ₹5 लाख तक का निःशुल्क इलाज मिल रहा है।
राशन पात्रता: 25 लाख से अधिक नए ई-श्रमिक परिवारों को राशन पात्रता देकर उन्हें निःशुल्क राशन का लाभ दिया गया है।
प्रसूति सहायता: गर्भवती श्रमिक बहनों को गर्भावस्था के दौरान ₹16,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है ताकि उन्हें काम पर न जाना पड़े और पोषण की कमी न हो।
अन्य श्रमिक: पत्थर तोड़ने वाले, ईंट बनाने वाले, पापड़ अचार बनाने वाले, घरों में काम करने वाले मजदूर और तेंदूपत्ता बीनने वाले सभी श्रमिकों को इस योजना से जोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कुशल श्रम शक्ति को सहकारिता के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से "श्रमणा" जैसी नई योजनाओं को भी शुरू करने की जानकारी दी। कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल हुए श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बताया कि संबल योजना में अब तक 1.83 करोड़ से अधिक श्रमिकों ने पंजीयन कराया है, जिसमें संबल 2.0 में 43 लाख नए लोग जुड़े हैं। उन्होंने बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि श्रम विभाग अब किसी भी संबल प्रकरण में मात्र 60 दिन के भीतर हितग्राही को भुगतान करने की स्थिति में आ गया है।
| संख्या | संचालित योजनाएं | प्रति प्रकरण सहायता राशि (₹) | हितग्राहियों की संख्या |
| 1. | अनुग्रह सहायता (सामान्य मृत्यु पर) | 2 लाख | 6,390 |
| 2. | अनुग्रह सहायता (दुर्घटना मृत्यु पर) | 4 लाख | 790 |
| 3. | अनुग्रह सहायता (आंशिक स्थायी अपंगता) | 1 लाख | 34 |
| 4. | अनुग्रह सहायता (स्थायी अपंगता होने पर) | 2 लाख | 13 |
| कुल योग | 7,227 |