बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री की 7 नवंबर से शुरू होने वाली 'सनातन एकता पदयात्रा' पर विवाद। दलित पिछड़ा समाज संगठन के अध्यक्ष दामोदर यादव ने धमकी के आरोप लगाते हुए यात्रा रोकने के लिए हाईकोर्ट में याचिका और प्रदेशभर में पुतला दहन की घोषणा की। पूरा मामला और दोनों पक्षों का बयान जानें।
By: Ajay Tiwari
Oct 31, 20256:03 PM
भोपाल. स्टार समाचा वेब
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की आगामी 'सनातन एकता पदयात्रा' को लेकर विवाद गहरा गया है। इस यात्रा को रुकवाने की मांग करते हुए दलित पिछड़ा समाज संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दामोदर यादव ने सोमवार को उच्च न्यायालय (High Court) में याचिका दायर करने की घोषणा की है। यह पदयात्रा 7 नवंबर को दिल्ली के छतरपुर से शुरू होने वाली है।
भोपाल में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दामोदर यादव ने धीरेंद्र शास्त्री पर गंभीर आरोप लगाए और उन्हें 'संत' मानने से इनकार कर दिया।
धीरेंद्र शास्त्री पर लगाए गए आरोप
दामोदर यादव ने दावा किया कि धीरेंद्र शास्त्री ने हरियाणा में एक मंच से उन्हें गालियाँ दीं और जान से मारने की धमकी भी दी। यादव ने शास्त्री के शब्दों को उद्धृत करते हुए कहा:
दामोदर यादव ने 'ठठरी बार देने' का मतलब बताते हुए कहा कि बुंदेलखंड में इसका अर्थ होता है "आदमी को जला देना"। उन्होंने शास्त्री की भाषा को 'नालायक' की भाषा बताते हुए कहा कि वह 'अछूत हमसे दूर हो जा' जैसी बातें करते हैं, जो किसी संत की भाषा नहीं हो सकती।
धीरेंद्र शास्त्री का पलटवार
दामोदर यादव द्वारा मंगलवार को यात्रा रोकने की मांग और आंदोलन की चेतावनी दिए जाने के बाद, धीरेंद्र शास्त्री ने बुधवार को हरियाणा में एक कथा के दौरान पलटवार किया था। उन्होंने कहा था:
शास्त्री ने इस दौरान देश में जनसांख्यिकी परिवर्तन और अल्पसंख्यक बनने का मुद्दा भी उठाया, और कहा कि भारत और संस्कृति को बचाने के लिए "जातिवाद और भेदभाव से ऊपर उठकर हमको सनातनी बनना है।"
संगठन की विरोध प्रदर्शन की तैयारी
दामोदर यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी घोषणा की कि वह धीरेंद्र शास्त्री को संत नहीं मानते और उन पर धार्मिक कथाओं के माध्यम से उन्माद फैलाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।