कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की पुरानी तस्वीर साझा कर आरएसएस और भाजपा की संगठन शक्ति की सराहना की। जानें क्या है इस पोस्ट के पीछे का सियासी अर्थ और दिग्विजय की सफाई।
By: Ajay Tiwari
Dec 27, 20255:12 PM
भोपाल | स्टार समाचार वेब
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर एक ऐसी तस्वीर साझा की है, जिसने राजनीतिक गलियारों में नई बहस छेड़ दी है। दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक पुरानी तस्वीर पोस्ट करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की संगठन शक्ति की खुलकर सराहना की है।

दिग्विजय सिंह द्वारा साझा की गई इस ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के चरणों के पास फर्श पर बैठे दिखाई दे रहे हैं। तस्वीर को प्रभावशाली बताते हुए दिग्विजय सिंह ने लिखा कि उन्हें यह चित्र 'Quora' साइट पर मिला। उन्होंने पोस्ट में उल्लेख किया कि किस प्रकार आरएसएस का एक जमीनी स्वयंसेवक और जनसंघ/भाजपा का साधारण कार्यकर्ता, शीर्ष नेताओं के चरणों में बैठकर आगे बढ़ा और अंततः प्रदेश का मुख्यमंत्री व देश का प्रधानमंत्री बना। उन्होंने इसे 'संगठन की शक्ति' करार देते हुए अंत में 'जय सिया राम' भी लिखा।
अपनी इस पोस्ट पर बढ़ते विवाद और अटकलों को देखते हुए दिग्विजय सिंह ने तुरंत सफाई भी पेश की। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी इस पोस्ट का उद्देश्य केवल संगठन की कार्यप्रणाली की सराहना करना था। उन्होंने कहा, "मैं आरएसएस, मोदी जी और उनकी नीतियों का घोर विरोधी हूँ और रहूँगा। जो कुछ भी मुझे कहना था, वह मैंने कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में स्पष्ट रूप से कह दिया है।"
दिग्विजय सिंह का यह बयान ऐसे समय में आया है जब वे लगातार कांग्रेस के भीतर सांगठनिक मजबूती की वकालत कर रहे हैं। हाल ही में मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यालय (PCC) में हुई एक बैठक के दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं को भाजपा की तर्ज पर काम करने की नसीहत दी थी। उन्होंने नेताओं को अपने अहंकार छोड़कर बूथ स्तर और जमीन से जुड़ने का संदेश दिया था। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस पोस्ट के जरिए दिग्विजय सिंह अपनी ही पार्टी के नेताओं को यह आईना दिखाना चाहते हैं कि कैसे एक समर्पित कार्यकर्ता संगठन के दम पर शिखर तक पहुँच सकता है।
दिग्विजय सिंह के इस ट्वीट के बाद भाजपा के कई नेताओं ने इसे सत्य की स्वीकारोक्ति बताया है। हालांकि, कांग्रेस के भीतर इस पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। यह पहली बार नहीं है जब दिग्विजय सिंह ने अपने बयानों से पार्टी को असहज किया हो, लेकिन इस बार उनका निशाना विपक्षी दल की तारीफ के जरिए अपनी पार्टी के संगठन को जगाना प्रतीत होता है।