पन्ना टाइगर रिजर्व की गुमानगंज बीट में अवैध कटाई रोकने पहुंचे बीट गार्ड और सुरक्षा श्रमिक पर तस्करों ने कुल्हाड़ी और लाठी-डंडों से जानलेवा हमला किया। पुलिस ने FIR दर्ज की
By: Ajay Tiwari
Dec 27, 20255:21 PM
पन्ना | स्टार समाचार वेब
मध्य प्रदेश का पन्ना टाइगर रिजर्व, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और बाघों के संरक्षण के लिए विश्व विख्यात है, बीती रात तस्करों के दुस्साहस और हिंसा का अखाड़ा बन गया। जंगल की सुरक्षा में तैनात वनकर्मियों पर अवैध कटाई करने वाले माफियाओं ने जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले ने न केवल वन विभाग के सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि यह भी दिखा दिया है कि बेशकीमती लकड़ियों के लालच में तस्कर किस हद तक जा सकते हैं।
घटना पन्ना टाइगर रिजर्व की गुमानगंज बीट की है। बीती आधी रात को बीट गार्ड दिनेश चक्रवर्ती और सुरक्षा श्रमिक चेला यादव को जंगल में अवैध कटाई की भनक लगी थी। कर्तव्य की वेदी पर अपनी जान की परवाह न करते हुए दोनों मौके पर पहुँचे, जहाँ सागौन के तस्कर पेड़ों पर कुल्हाड़ियाँ चला रहे थे। जैसे ही वनकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, करीब आधा दर्जन हमलावरों ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया।
तस्करों ने लाठी-डंडों और धारदार कुल्हाड़ियों से निहत्थे वनकर्मियों पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। इस खूनी संघर्ष में बीट गार्ड दिनेश और श्रमिक चेला यादव गंभीर रूप से घायल हो गए। हमले की क्रूरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक कर्मचारी का हाथ टूट गया है, जबकि दूसरे की आँख के पास कुल्हाड़ी के गहरे जख्म आए हैं। जंगल के सन्नाटे में वनकर्मियों की चीख-पुकार सुनकर जब तक अन्य लोग वहाँ पहुँचते, हमलावर अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो चुके थे।
लहूलुहान हालत में दोनों घायलों को तत्काल पन्ना जिला अस्पताल पहुँचाया गया, जहाँ उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग के आला अधिकारी और पुलिस टीम सक्रिय हुई। पुलिस ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए चार नामजद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कर ली है और उनकी गिरफ्तारी के लिए जंगल में सर्चिंग ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
इस घटना ने पन्ना टाइगर रिजर्व के भीतर सुरक्षा के दावों की कलई खोल दी है। सवाल यह उठ रहा है कि जो वनकर्मी अपनी जान हथेली पर रखकर राष्ट्रीय संपत्ति की रक्षा करते हैं, उनकी सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं हैं? कुल्हाड़ी लेकर जंगल में घूम रहे ये बेखौफ तस्कर वन्यजीवों के लिए भी बड़ा खतरा हैं। स्थानीय लोगों और कर्मचारी संगठनों ने आरोपियों पर कठोरतम कार्रवाई की मांग की है।