बिहार में मचे सियासी घमासान के बीच कभी भी विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान हो सकता है। जहां एक ओर राजनीति दल अपनी-अपनी चुनाव विसात बिछाने में पसीना बहा रहे हैं। यही नहीं, प्रत्याशी चयन और गठबंधन की सीट बंटवारे पर भी मंथन शुरू कर दिया है। वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग ने भी कमर कस ली है।
By: Arvind Mishra

पटना। स्टार समाचार वेब
बिहार में मचे सियासी घमासान के बीच कभी भी विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान हो सकता है। जहां एक ओर राजनीति दल अपनी-अपनी चुनाव विसात बिछाने में पसीना बहा रहे हैं। यही नहीं, प्रत्याशी चयन और गठबंधन की सीट बंटवारे पर भी मंथन शुरू कर दिया है। वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग ने भी कमर कस ली है। दावा किया किया जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में तीन चरणों में मतदान होगा। 5 से 15 नवंबर के बीच आयोग वोटिंग कराएगा, ताकि 22 नवंबर तक नई विधानसभा का गठन हो जाए। राज्य की वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है। इसलिए चुनाव प्रक्रिया (मतदान, गणना और परिणाम घोषणा) इससे पहले पूरी होनी जरूरी है। दरअसल, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग की एक टीम अगले हफ्ते बिहार का दौरा करने जा रही है। इस दौरे का उद्देश्य विधानसभा चुनावों की तैयारियों की समीक्षा और चुनावी कार्यक्रम की रूपरेखा तय करना है। दशहरा के ठीक बाद होने वाली इस यात्रा से चुनाव की तिथियों की घोषणा का रास्ता साफ हो जाएगा, जो त्योहारों के मौसम को ध्यान में रखते हुए तय की जाएगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त के नेतृत्व में दशहरा के बाद चुनाव आयोग की एक टीम बिहार दौरे पर जाएगी। इसके बाद दिवाली के बीच विधानसभा चुनावों का कार्यक्रम घोषित होने की उम्मीद है। इसके बाद छठ पूजा (25-28 अक्टूबर) के बाद मतदान का कार्यक्रम तय होने की संभावना है।
इधर, चुनाव आयोग ने त्योहारों के मौसम और समय-सीमा को ध्यान में रखते हुए ये रणनीति अपनाई है। इसके साथ ही बिहार में जारी विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) के तहत राज्य में फाइनल मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित होगी, जो चुनावी प्रक्रिया को गति प्रदान करेगी। ईसीआई ने पहले ही बीएलओ के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर दिया है, जिसमें 280 से अधिक एजेंट्स ने भाग लिया है।