अंतत: सीएम से गुहार लगाने के बाद हरियाणा के आईपीएस वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के दो दिन बाद चंडीगढ़ पुलिस ने राज्य के पुलिस मुखिया समेत 14 अफसरों पर केस दर्ज कर ही लिया। वहीं मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आईपीएस की आईएएस पत्नी अमनीत पी कुमार को निष्पक्ष जांच और सुरक्षा का आश्वासन दिया है।
By: Arvind Mishra
चंडीगढ़। स्टार समाचार वेब
अंतत: सीएम से गुहार लगाने के बाद हरियाणा के आईपीएस वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के दो दिन बाद चंडीगढ़ पुलिस ने राज्य के पुलिस मुखिया समेत 14 अफसरों पर केस दर्ज कर ही लिया। वहीं मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आईपीएस की आईएएस पत्नी अमनीत पी कुमार को निष्पक्ष जांच और सुरक्षा का आश्वासन दिया है। दरअसल, हरियाणा के आईपीएस पूरन कुमार के आत्महत्या केस में राज्य के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया सहित 14 अफसरों पर गुरुवार देर रात रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। चंडीगढ़ पुलिस की ओर से सुसाइड नोट को आधार बनाते हुए सेक्टर-11 थाने में 156 नंबर एफआईआर बीएनएस की धारा 108, 3(5) और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(1) के तहत दर्ज की गई है। हरियाणा के इतिहास में यह पहली बार है, जब किसी केस में डीजीपी सहित 14 आईपीएस और आईएएस अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। सरकार की इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है।
शत्रुजीत कपूर डीजीपी हरियाणा, टीवी एसएन प्रसाद आईएएस, राजीव अरोड़ा पूर्व एसीएस, मनोज यादव पूर्व डीजीपी, पीके अग्रवाल पूर्व डीजीपी, संदीप खिरवार आईपीएस, अमिताभ ढिल्लो एडीजीपी, संजय कुमार एडीजीपी, कला रामचंद्रन आईपीएस, माटा रवि किरण एडीजीपी करनाल रेंज, सिबास कविराज आईपीएस, पंकज नैन आईजीपी, कुलविंदर सिंह आईजी मधुबन और नरेंद्र बिजारणिया एसपी रोहतक पर एफआईआर दर्ज की गई है।
इस में केस में सबसे खास बात यह है कि गुरुवार तक पूरन कुमार के परिवार की ओर से 15 अफसरों पर आरोप लगाए गए थे, जिनमें मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी का नाम भी शामिल था। लेकिन, अब जो एफआईआर दर्ज कराई है उसमें उनका नाम नहीं है।
एफआईआर पर आईएएस अमनीत पी. कुमार ने एतराज जताए हैं। उन्होंने चंडीगढ़ पुलिस को आवेदन देकर कहा कि एफआईआर में आरोपी अफसरों के नाम अलग से कॉलम में नहीं लिखे गए हैं। एफआईआर को फिक्स फॉर्मेट में लिखा जाए। इसको लेकर उनकी चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर से नोकझोंक भी हो गई।
आईपीएस कुमार के पीएम पर भी संशय बना हुआ है। दलित संगठन भी डीजीपी और एसएसपी रोहतक की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। इसी के साथ ही हरियाणा ब्यूरोक्रेसी में शामिल एससी वर्ग के आईपीएस-आईएएस और एचसीएस अफसर खुलकर पूरन कुमार के परिवार के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।