बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के नामांकन की प्रक्रिया 20 अक्टूबर को समाप्त हो गई। 243 सीटों वाली विधानसभा के लिए मतदान दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे। इस चुनाव में कुल 74 राजनीतिक दल मैदान में हैं। प्रमुख घटनाक्रम यह रहा कि INDIA गठबंधन (महागठबंधन) में टिकट वितरण को लेकर भारी खींचतान, अंदरूनी बगावत और सीटों पर टकराव दिखा
By: Ajay Tiwari
Oct 21, 20259 hours ago
पटना. स्टार समाचार वेब
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के नामांकन की प्रक्रिया 20 अक्टूबर को समाप्त हो गई। 243 सीटों वाली विधानसभा के लिए मतदान दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे। इस चुनाव में कुल 74 राजनीतिक दल मैदान में हैं। प्रमुख घटनाक्रम यह रहा कि INDIA गठबंधन (महागठबंधन) में टिकट वितरण को लेकर भारी खींचतान, अंदरूनी बगावत और सीटों पर टकराव दिखा, जिसके चलते उन्होंने 243 सीटों पर 254 उम्मीदवार उतार दिए। वहीं, NDA गठबंधन ने भी अपनी सीटों में बदलाव किया है, जहाँ JDU और BJP की सीटें घटी हैं, जबकि चिराग पासवान की LJP (R) को बड़ा फायदा मिला है। इस चुनाव में RJD सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, जिसने सबसे अधिक 51 यादव और 24 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है।
बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होने हैं। पहले चरण की 121 सीटों पर मतदान 6 नवंबर को होगा, जिसके लिए नामांकन प्रक्रिया पहले ही समाप्त हो चुकी है। चुनाव आयोग के अनुसार, पहले चरण के लिए कुल 1,314 उम्मीदवार मैदान में हैं। नामांकन के दौरान 300 से अधिक प्रत्याशियों के पर्चे खारिज हुए, और 61 प्रत्याशियों ने नाम वापस लिए। दूसरे चरण की 122 सीटों पर मतदान 11 नवंबर को होना है, जिसके प्रत्याशियों की अंतिम सूची 23 अक्टूबर को साफ होगी।
महागठबंधन (INDIA) में टिकट बंटवारे को लेकर भारी तनाव दिखा। RJD ने नामांकन समाप्त होने से महज 7 घंटे पहले अपनी 143 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की। इस खींचतान का परिणाम यह हुआ कि गठबंधन ने 243 सीटों पर कुल 254 प्रत्याशी उतार दिए। यह स्थिति मुख्य रूप से विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के कारण उत्पन्न हुई, जिसने 15 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, जिनमें से 2 सीटें RJD द्वारा पहले से घोषित प्रत्याशियों के खिलाफ थीं। गठबंधन के घटकों (RJD: 143, कांग्रेस: 61, CPI(ML): 20, CPI: 9, CPM: 6, VIP: 15) की सीटों का योग 254 हो गया। गठबंधन के नेताओं ने सीएम चेहरे को लेकर कोई संयुक्त घोषणा नहीं की, जिससे अंदरूनी खींचतान सार्वजनिक हुई।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में इस बार शक्ति-संतुलन बदला है। BJP अब भी सबसे बड़ी पार्टी बनी हुई है, लेकिन JDU की सीटों की संख्या घटाई गई है, ताकि BJP को उसके बराबर या उससे अधिक सीटें मिल सकें। NDA की इस आंतरिक पुनर्संतुलन से चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) [LJP(R)] को बड़ा फायदा हुआ है, जिसे पहले ही चुनाव में 29 सीटें मिली हैं। विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के INDIA गठबंधन में जाने से निषाद वोटों पर असर पड़ने की संभावना है। 20 साल की सत्ता के बाद NDA गठबंधन स्पष्ट रूप से एंटी-इनकंबेंसी का सामना कर रहा है।
इस चुनाव में कुल 74 राजनीतिक दल मैदान में हैं। टिकट वितरण के रुझान बताते हैं कि RJD महिलाओं को टिकट देने में सबसे आगे है, जिसने 24 महिला उम्मीदवारों को उतारा है। वहीं, JDU और BJP ने 13-13 महिला कैंडिडेट्स को टिकट दिया है। जातीय समीकरण की बात करें तो RJD ने अपने कोर वोट बैंक पर फिर फोकस किया है, जिसमें 51 यादव, 19 मुसलमान, 14 सवर्ण और 11 कुशवाहा प्रत्याशी शामिल हैं। 2020 के मुकाबले RJD ने कुशवाहा समुदाय पर अपना ध्यान बढ़ाया है, जबकि मुस्लिम प्रत्याशियों की संख्या 2020 की 15 से घटकर 19 हो गई है।