दिवाली की रात राजधानी भोपाल में आगजनी की कुल 18 छोटी-बड़ी घटनाएं सामने आईं, जिनमें शाहपुरा और बैरागढ़ में दो कारें जल गईं। अधिकांश घटनाएं आतिशबाजी के कारण झोपड़ियों और झाड़ियों में आग लगने की थीं। हालांकि, नगर निगम के अग्निशमन अमले की चौबीसों घंटे की ड्यूटी और त्वरित कार्रवाई के कारण कहीं भी कोई बड़ी जनहानि या भारी नुकसान नहीं हुआ। पिछले तीन वर्षों की तुलना में इस बार आगजनी के मामलों में कमी आई है। फायर ऑफिसर सौरभ पटेल ने बताया कि 400 में से 350 कर्मचारियों को डबल ड्यूटी पर तैनात किया गया था, जि
By: Ajay Tiwari
Oct 21, 20253 hours ago
राजधानी भोपाल में दिवाली की रात (21 अक्टूबर को) कुल 18 स्थानों पर आगजनी की घटनाएं दर्ज की गईं, जो मुख्य रूप से आतिशबाजी के कारण हुईं। इन घटनाओं में दो प्रमुख हादसे शाहपुरा के अर्चना पैलेस के पास और बैरागढ़ के गिदवानी पार्क के पास हुए, जहाँ दो कारें जल गईं। इसके अतिरिक्त, आतिशबाजी की चिंगारी से लांबाखेड़ा में एक मकान में आग लगी, जबकि अयोध्या बायपास पर एक झोपड़ी का हिस्सा और एक लॉन्ड्री की दुकान भी आग की चपेट में आ गई। कोहेफिजा और अपोलो सेज हॉस्पिटल के पास झाड़ियों एवं पेड़ों में आग लगने की सूचना भी मिली। संतोषजनक बात यह रही कि किसी भी घटना में कोई जनहानि नहीं हुई।
भोपाल नगर निगम का अग्निशमन अमला दिवाली की रात में पूरी तरह अलर्ट रहा। फायर ऑफिसर सौरभ पटेल के अनुसार, कुल 400 कर्मचारियों में से 350 की डबल ड्यूटी लगाई गई थी। शहर के विभिन्न फायर स्टेशनों पर 100 पानी के टैंकर और 30 दमकलें हर वक्त तैयार खड़ी थीं। फतेहगढ़, जिंसी चौराहा, कोलार, होशंगाबाद रोड, रायसेन रोड, करोंद, गोविंदपुरा, माता मंदिर समेत सभी 13 स्टेशनों पर विशेष तैनाती की गई थी। आग लगने की सूचना मिलते ही दमकलें तुरंत मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाया, जिससे घटनाओं को बड़े हादसों में बदलने से रोका जा सका।
आंकड़ों के अनुसार, यह दिवाली पिछली तीन दीवाली की तुलना में शांत रही। पिछले तीन वर्षों से भोपाल में दिवाली की रात 25 से अधिक आगजनी के मामले सामने आते रहे थे, जिनमें अवधपुरी, कोलार, करोंद, हमीदिया रोड जैसे कई इलाके प्रभावित होते थे। इस वर्ष फायर अमले की तत्परता और बेहतर व्यवस्था के कारण न केवल मामलों की संख्या (18) कम रही, बल्कि किसी बड़ी आगजनी की घटना को होने से भी रोका जा सका।
आगजनी की घटनाएं
मामलों की संख्या और कारण: दिवाली की रात भोपाल में आगजनी के कुल 18 मामले सामने आए। अधिकांश घटनाएं आतिशबाजी की चिंगारी, झोपड़ियों और झाड़ियों में आग लगने के कारण हुईं।
प्रमुख क्षति: शाहपुरा (अर्चना पैलेस के पास) और बैरागढ़ (गिदवानी पार्क के पास) में दो कारें जल गईं। लांबाखेड़ा में एक मकान और अयोध्या बायपास पर एक झोपड़ी तथा लॉन्ड्री की दुकान प्रभावित हुई।
प्रशासनिक तत्परता: भोपाल नगर निगम के 350 फायर कर्मचारियों को डबल ड्यूटी पर लगाया गया था। 100 टैंकर और 30 दमकलें शहर के 13 फायर स्टेशनों पर तैयार रखी गईं, जिससे बड़ी जनहानि टल गई।
पिछले वर्षों से तुलना: इस वर्ष आगजनी के मामले (18) पिछले तीन वर्षों की तुलना में काफी कम रहे, जब हर साल 25 से अधिक मामले दर्ज किए जाते थे। फायर अमले की तत्परता को बड़ी घटनाओं को रोकने का श्रेय दिया गया।