छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में 208 नक्सलियों ने किया सामूहिक आत्मसमर्पण, जिनमें 110 महिलाएं और बड़े नाम शामिल। यह अमित शाह की नक्सलवाद समाप्ति की समय सीमा की ओर एक बड़ी उपलब्धि है। जानें सीएम साय और डिप्टी सीएम शर्मा ने क्या कहा।
By: Ajay Tiwari
Oct 17, 202514 hours ago
जगदलपुर, छत्तीसगढ़: स्टार समाचार वेब
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आयोजित एक महत्वपूर्ण समारोह में, आज जगदलपुर में कुल 208 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और उपमुख्यमंत्री अरुण साव की मौजूदगी में यह सामूहिक आत्मसमर्पण कराया गया, जिसे 'पूना मारगेम' (पुनर्वास से पुनर्जीवन) नाम दिया गया है।
यह आयोजन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा नक्सलवाद के खात्मे के लिए निर्धारित 31 मार्च 2026 की समयसीमा के तहत नक्सल विरोधी अभियान की एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
आत्मसमर्पण करने वालों में 110 महिलाएं और 98 पुरुष शामिल हैं, जिन्होंने प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) संगठन के विभिन्न स्तरों पर सक्रियता से काम किया। आत्मसमर्पण के बाद, इन लोगों ने अपने हथियार नीचे रखकर हाथ में गुलाब का फूल और भारतीय संविधान की प्रति थाम ली।
208 नक्सलियों का समर्पण: 110 महिलाओं और 98 पुरुषों ने मुख्यधारा में वापसी की।
बड़े नामों का समर्पण: सेंट्रल कमेटी मेंबर रूपेश उर्फ सतीश, भास्कर उर्फ राजमन मंडावी, रनिता, राजू सलाम, धन्नू वेट्टी और रतन एलम जैसे प्रमुख नाम शामिल।
हथियार जमा: कुल 153 हथियार जमा किए गए, जिनमें 18 एके-47, 23 इंसास राइफल, 17 एसएलआर, और 36 .303 राइफलें शामिल हैं।
शीर्ष नेतृत्व की उपस्थिति: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा एवं अरुण साव ने कार्यक्रम में शिरकत की।
पुनर्वास पर जोर: सरकार की पुनर्वास नीति के तहत हर संभव सहायता और तीन साल तक आर्थिक मदद का वादा।
जगदलपुर में आयोजित इस समारोह को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने न केवल बस्तर और छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन बताया। उन्होंने आत्मसमर्पण करने वालों को बधाई देते हुए कहा कि सरकार की पुनर्वास नीति के तहत उन्हें हर संभव सहायता दी जाएगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम साय ने कहा कि सरकार ने नक्सलवाद को खत्म करने का संकल्प लिया है। उन्होंने बताया कि भटके हुए लोगों को मुख्यधारा में लाने की अपील का आज सकारात्मक परिणाम देखने को मिला है। आत्मसमर्पण करने वालों को तीन साल तक आर्थिक सहायता, रोजगार के अवसर और नई उद्योग नीति के तहत विशेष प्रावधान दिए जाएंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि अब बस्तर तेजी से विकास की राह पर आगे बढ़ेगा।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस अवसर को ऐतिहासिक बताते हुए माओवादी विचारधारा को त्यागने वालों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि 153 हथियारों के साथ 208 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि इन लोगों को पुनर्वास नीति की विस्तृत जानकारी दी जा रही है, और सरकार उनकी चिकित्सा आवश्यकताओं सहित हर तरह की मदद करेगी।