विश्व सांख्यिकी दिवस हर पाँच साल में 20 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिन हमारे जीवन में आधिकारिक सांख्यिकी के महत्व पर प्रकाश डालता है, जो विश्वसनीय डेटा के माध्यम से सतत विकास और सूचित निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस दिवस का उद्देश्य डेटा क्रांति के इस दौर में सांख्यिकीय प्रणाली के योगदान को पहचानना है।
By: Ajay Tiwari
Oct 18, 202519 hours ago
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जानें हर साल 9 अक्टूबर को क्यों मनाया जाता है विश्व डाक दिवस (World Post Day)। यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन
By: Ajay Tiwari
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हर साल 9 अक्टूबर को दुनिया भर में विश्व डाक दिवस (World Post Day) मनाया जाता है। यह दिन हमारे रोजमर्रा के जीवन में डाक क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने और वैश्विक सामाजिक व आर्थिक विकास में इसके योगदान को रेखांकित करने का अवसर प्रदान करता है।
संचार के आधुनिक और तेज़ साधनों के बावजूद, डाक सेवाएँ आज भी दुनिया के सबसे बड़े लॉजिस्टिक्स नेटवर्क के रूप में लाखों लोगों और व्यवसायों को जोड़ती हैं।
विश्व डाक दिवस मनाने के लिए 9 अक्टूबर की तारीख चुनने के पीछे एक खास वजह है, जो डाक सेवाओं के इतिहास में एक मील का पत्थर है: चलिए आपको बतात हैं डाक दिवस से जुड़ी बातें...
आधार: यह दिवस यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (Universal Postal Union - UPU) की स्थापना की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है।
स्थापना: 9 अक्टूबर 1874 को स्विट्जरलैंड के बर्न में 22 देशों ने एक संधि पर हस्ताक्षर करके जनरल पोस्टल यूनियन (जो बाद में UPU बना) की स्थापना की थी।
उद्देश्य: इस यूनियन का मुख्य उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय पत्रों के आवागमन को सहज, कुशल और मुक्त बनाना था, जिससे दुनिया भर में संचार आसान हो सके।
आरंभ: आधिकारिक तौर पर विश्व डाक दिवस की घोषणा 1969 में जापान के टोक्यो में आयोजित UPU कांग्रेस में की गई थी।
पहला डाकघर (भारत): भारत में पहला डाकघर ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा 1774 में कोलकाता में स्थापित किया गया था, जो देश में डाक सेवाओं के लंबे और समृद्ध इतिहास को दर्शाता है।
यह दिवस दुनिया भर में लोगों को एक-दूसरे से जोड़ने, संस्कृति का आदान-प्रदान करने और आपसी समझ को बढ़ावा देने में डाक सेवाओं की भूमिका पर जोर देता है। यह अंतर्राष्ट्रीय पत्रों के मुक्त प्रवाह का मार्ग प्रशस्त करता है।
डाक सेवाएँ दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तक भी महत्वपूर्ण वित्तीय, सरकारी और वाणिज्यिक सेवाएँ (जैसे बचत योजनाएँ, बीमा, ई-कॉमर्स डिलीवरी) पहुँचाकर सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। डाक दुनिया का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक्स नेटवर्क है।
इस दिन को डाक कर्मचारियों के अथक परिश्रम और समर्पण को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है, जो हर मौसम और हर परिस्थिति में अपनी सेवाएँ प्रदान करते हैं। यह ग्राहकों को डाक विभाग के नए उत्पादों और सेवाओं के बारे में जानकारी देने का अवसर भी प्रदान करता है।
डिजिटल क्रांति के बावजूद, डाक सेवाओं की प्रासंगिकता बनी हुई है, लेकिन इसका स्वरूप बदल गया है:
ई-कॉमर्स का समर्थन: डिजिटल युग में डाक सेवाएं ई-कॉमर्स के लिए एक महत्वपूर्ण वाहक बन गई हैं। पार्सल और कूरियर सेवाओं की मांग में भारी वृद्धि हुई है।
वित्तीय समावेशन: भारत जैसे देशों में, डाकघर इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) जैसी सेवाओं के माध्यम से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
सरकारी योजनाओं का वितरण: डाकघरों का विशाल नेटवर्क सरकारी सब्सिडी, पेंशन और अन्य कल्याणकारी योजनाओं को लाभार्थियों तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
स्थायी विकास लक्ष्य (SDGs): डाक सेवाएँ अब संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के वैश्विक प्रयासों में एक बुनियादी ढाँचा प्रदान करके अपनी भूमिका निभा रही हैं।
भारत में, विश्व डाक दिवस से शुरू होकर 9 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक राष्ट्रीय डाक सप्ताह मनाया जाता है। इस सप्ताह के दौरान, डाक विभाग विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करता है, जैसे:
विशेष डाक टिकट प्रदर्शनियाँ।
ग्राहकों के लिए विशेष छूट और नए उत्पादों की पेशकश।
बेहतर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को पुरस्कार।
युवाओं के बीच साक्षरता और संचार कौशल को प्रोत्साहित करने के लिए पत्र-लेखन प्रतियोगिताएँ।
विश्व डाक दिवस हमें याद दिलाता है कि पत्र, पार्सल और वित्तीय सेवाओं को देश-दुनिया के कोने-कोने तक पहुँचाने वाला यह विशाल नेटवर्क आज भी संचार और विकास का एक अपरिहार्य आधार स्तंभ है। यह अतीत की विरासत और भविष्य की आवश्यकताओं के बीच एक सेतु का काम करता है।
विश्व सांख्यिकी दिवस हर पाँच साल में 20 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिन हमारे जीवन में आधिकारिक सांख्यिकी के महत्व पर प्रकाश डालता है, जो विश्वसनीय डेटा के माध्यम से सतत विकास और सूचित निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस दिवस का उद्देश्य डेटा क्रांति के इस दौर में सांख्यिकीय प्रणाली के योगदान को पहचानना है।
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