भारतीय रेलवे ने 2025 में यात्रियों की सुविधा के लिए 43,000 से अधिक स्पेशल ट्रेन ट्रिप्स चलाकर नया रिकॉर्ड बनाया है। महाकुंभ, होली और छठ पूजा के दौरान भीड़ प्रबंधन के लिए किए गए इन विशेष इंतजामों की पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें
By: Ajay Tiwari
Dec 27, 20255:40 PM
नई दिल्ली | स्टार समाचार वेब
भारत में त्योहारों और धार्मिक आयोजनों का सीधा असर परिवहन व्यवस्था पर पड़ता है। साल 2025 में भारतीय रेलवे ने इस चुनौती को न केवल स्वीकार किया, बल्कि यात्रियों की सुगम यात्रा के लिए एक नया वैश्विक मानक भी स्थापित किया। रेल मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, इस साल विभिन्न व्यस्ततम अवधियों और त्योहारों के दौरान 43,000 से अधिक विशेष ट्रेन ट्रिप्स (Special Train Trips) का संचालन किया गया।
वर्ष 2025 की सबसे बड़ी उपलब्धि प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ रही। 13 जनवरी से 28 फरवरी के बीच चले इस आध्यात्मिक महाकुंभ के लिए रेलवे ने अकेले 17,340 विशेष ट्रेन ट्रिप्स चलाईं। करोड़ों श्रद्धालुओं को देश के कोने-कोने से संगम नगरी तक पहुँचाना और उन्हें सुरक्षित वापस लौटाना रेलवे के लिए एक अभूतपूर्व ऑपरेशन रहा, जिसे अत्याधुनिक तकनीक और प्रभावी भीड़ प्रबंधन (Crowd Management) के जरिए सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।
होली के पर्व पर घर जाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए 1 मार्च से 22 मार्च के बीच 1,144 स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, जो पिछले वर्ष के मुकाबले करीब दोगुनी थीं। इसके अतिरिक्त, अप्रैल से जून तक चलने वाले ग्रीष्मकालीन सीजन (Summer Season) में भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे ने 12,417 समर स्पेशल ट्रिप्स संचालित कीं। इस पहल से न केवल वेटिंग लिस्ट की समस्या कम हुई, बल्कि परिवारों को छुट्टियों में सफर करना भी आसान हुआ।
बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े पर्व 'छठ' के दौरान यात्रियों का दबाव संभालना हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है। साल 2025 में, 1 अक्टूबर से 20 नवंबर के बीच रेलवे ने 12,383 विशेष ट्रेन ट्रिप्स संचालित कर एक नया रिकॉर्ड बनाया। पिछले वर्षों की तुलना में इन ट्रिप्स में की गई भारी बढ़ोतरी ने 'घर वापसी' की राह को काफी हद तक आसान और सुविधाजनक बना दिया।
रेल मंत्रालय का दावा है कि 2025 की ये सफलताएं केवल शुरुआत हैं। सरकार का लक्ष्य 2030 तक अपनी ओरिजिनेटिंग क्षमता (Originating Capacity) को दोगुना करना है। वर्तमान में देश के 48 प्रमुख शहरों में बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है ताकि भविष्य में किसी भी पीक सीजन के दौरान यात्रियों को 'कन्फर्म' टिकट और आरामदायक सफर मिल सके। 2025 के ये आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि भारतीय रेलवे अब मांग और आपूर्ति के अंतर को पाटने के लिए पूरी तरह आधुनिक और तैयार है।