इंदौर बीजेपी अध्यक्ष सुमित मिश्रा ने 9 महीने बाद नई टीम की घोषणा की। 33 सदस्यीय कार्यकारिणी में गुंडे युवराज उस्ताद की पत्नी को जगह, प्रदेश अध्यक्ष के नाम में गलती और गाइडलाइन उल्लंघन जैसे विवाद सामने आए। जानें पूरी सूची और प्रमुख बदलाव।
By: Ajay Tiwari
Oct 28, 20253:46 PM
इंदौर. स्टार समाचार वेब
अपनी नियुक्ति के लगभग नौ माह बाद, इंदौर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा ने मंगलवार को आखिरकार अपनी नई कार्यकारिणी टीम की घोषणा कर दी है। यह 33 सदस्यीय टीम है, जिसमें 8 उपाध्यक्ष, 3 महामंत्री और 8 मंत्रियों को शामिल किया गया है। टीम की घोषणा के साथ ही इसमें कई चौंकाने वाले नाम और कुछ संगठनात्मक त्रुटियाँ भी सामने आई हैं, जिसने सियासी गलियारों में चर्चाओं को जन्म दे दिया है।
नई कार्यकारिणी में कुल 33 पदाधिकारियों को जगह दी गई है। यह टीम इंदौर शहर में पार्टी के संगठनात्मक कार्यों को संभालेगी।
उपाध्यक्ष: 8
महामंत्री: 3
मंत्री: 8
कुल सदस्य: 33

इस टीम में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय वरुण पाल का नाम है। वरुण पाल, जो पिछली कार्यकारिणी में ग्रामीण टीम के मीडिया प्रभारी थे, उन्हें इस बार शहर की टीम में मीडिया प्रभारी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह उनकी संगठनात्मक पदोन्नति को दर्शाता है।
सूची में एक नाम ने सबसे अधिक सुर्खियाँ बटोरी हैं - स्वाति कासिद, जिन्हें मंत्री पद पर नियुक्त किया गया है। स्वाति कासिद कुख्यात गुंडे युवराज उस्ताद की पत्नी हैं।
यह वही विवाद है जो पिछली बार नगर निगम चुनाव के समय सामने आया था। तब स्वाति कासिद को वार्ड 56 से पार्षद पद का टिकट दिया गया था, लेकिन उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि को लेकर उठे विवाद के कारण, तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के हस्तक्षेप के बाद, 16 घंटे के भीतर टिकट वापस ले लिया गया था।
तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष ने स्पष्ट बयान दिया था कि बीजेपी "आपराधिक पृष्ठभूमि के पारिवारिक सदस्यों" को भी टिकट नहीं देती, क्योंकि पार्टी जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलती है। इस घटना के बावजूद, अब उन्हें महत्वपूर्ण नगर कार्यकारिणी में मंत्री बनाया जाना पार्टी के पुराने रुख के विपरीत माना जा रहा है।
संगठन द्वारा जारी इस सूची में एक बड़ी और चौंकाने वाली त्रुटि सामने आई है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल का नाम सूची में गलत ढंग से "हेमंत खंडेलवा" लिखा गया है। प्रदेश अध्यक्ष के नाम में ही गलती होना संगठनात्मक लापरवाही को दर्शाता है। इस चूक के साथ ही कार्यकारिणी की सूची में हिंदी वर्तनी की अन्य गलतियाँ भी देखने को मिली हैं। इस पूरे मामले पर नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा का फोन बंद आ रहा है।
नगर अध्यक्ष के बाद संगठन में सबसे महत्वपूर्ण पद नगर महामंत्री का होता है। इस पद पर तीन नियुक्तियाँ हुई हैं:
रिपीट हुए: सुधीर कोले (अपनी जगह बरकरार रखी)
नए नाम: कैलाश पिपले और महेश कुकरेजा (पहली बार महामंत्री बने)
बीजेपी की संगठनात्मक गाइडलाइन में यह स्पष्ट रूप से कहा गया था कि कोषाध्यक्ष, नगर कार्यालय मंत्री और मीडिया संयोजक जैसे प्रमुख पदों पर परिवर्तन तभी किया जाए जब अत्यंत आवश्यक हो, और सामान्यतः उन्हें रिपीट करने का निर्देश था। हालांकि, इंदौर नगर टीम में इन तीनों ही पदों पर नई नियुक्तियाँ की गई हैं, जो संगठनात्मक गाइडलाइन का स्पष्ट उल्लंघन है।
कोषाध्यक्ष: गुलाब सिंह ठाकुर के स्थान पर सचिन बंसल।
कार्यालय मंत्री: ऋषि खनुजा के स्थान पर विशाल यादव।
नई कार्यकारिणी में विधानसभा-3 क्षेत्र से सर्वाधिक 9 पदाधिकारियों को मनोनीत किया गया है, जिसका नेतृत्व विधायक गोलू शुक्ला करते हैं। इनमें दीपेंद्र सिंह सोलंकी, कैलाश पिपले, मति स्वाति काशिद, सचिन बंसल, विशाल यादव, आकाश गर्ग (रानू), नितिन शर्मा, रितेश शर्मा और दीपेश पचौरी शामिल हैं।
यह नई टीम संगठन में सामंजस्य और शक्ति संतुलन को किस दिशा में ले जाती है, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा, लेकिन फिलहाल कार्यकारिणी की घोषणा विवादों और त्रुटियों के कारण चर्चा का विषय बनी हुई है।