सरकार के 24 घंटे बिजली देने के दावों के बावजूद मनगवां शहर में 100 से ज्यादा बार बिजली ट्रिपिंग हो रही है। 17 कर्मचारियों के भरोसे 24 हजार उपभोक्ता हैं, और कई गांवों में महीनों से बिजली गुल है। ट्रांसफार्मर जलने, पोल गिरने और रात में तकनीकी स्टाफ के अभाव ने उपभोक्ताओं को आंदोलन की राह पर ला दिया है।
By: Yogesh Patel
Jul 27, 2025just now
हाइलाइट्स
मनगवां, स्टार समाचार वेब
एक ओर सरकार 24 घंटे बिजली देने की बात करते हुये नहीं थक रही है, वहीं दूसरी ओर मनगवां शहर मे 4 से 5 घंटे बिजली बमुश्किल नसीब नही हो रही है। 24 घंटे में 100 से अधिक बार बिजली ट्रिपिंग हो रही है। जिसके चलते लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक की स्थानीय लोगों ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करने की योजना तैयार कर ली है।
कई बार नगरवासी रात्रि में ही विद्युत मंडल का घेराव कर चुके हैं। दो दिवस पहले ही विद्युत मंडल का घेराव किया गया था। इसके बाद भी विद्युत विभाग अपने रवैये में सुधार नहीं कर पा रहा। अब नगरवासी उग्र आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं। बरसात के दिनों में बच्चे पढ़ाई के लिए मोहताज हैं। वार्ड क्रमांक 14 व 15 के मध्य दो माह से ट्रांसफार्मर जले हुये हैं। जिसके चलते 1000 से अधिक आबादी अंधेरे में जीवन यापन कर रही है। जबकि लाइन मेंटेनेंस के लिए लाखों का बजट आता है, लेकिन यह काम केवल कागजों में हो रहा है। यही वजह है कि उपभोक्ता परेशान हो चुके हैं। पहली ही बारिश मे बिजली विभाग की दावों की पोल खुल गई है। 5 दर्जन से अधिक गांव ऐसे हैं, जहांं बिजली पोल उखड़े पड़े है। कई गांव तो ऐसे हैं जहाँ एक माह से आपूर्ति ठप है। उपभोक्ताओं ने इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की है, लेकिन बिजली सुधार का काम नहीं किया गया।
17 कर्मचारियों के भरोसे 24 हजार उपभोक्ता
मनगवां विद्युत वितरण केंद्र में महजा 17 कर्मचारी ही हैं। जिनके भरोसे 24000 कनेक्शन धारी है। कनेक्शन धारियों के यहां दो दो महीनों से लाइट फॉल्ट है। कर्मचारियों के अभाव में इसे सुधारने में कई दिन का समय लग जाता है। जबकि हर माह उनसे बिल की वसूली की जाती है। आलम यह है कि प्राइवेट हेल्पर के सहारे मंनगवा डिवीजन चल रहा है। शासन द्वारा जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है वह पोल पर चढ़ने लायक नहीं है।
कम क्षमता का लगाया गया ट्रांसफार्मर
जहां 63 केवी ट्रांसफार्मर की जरूरत वहां 25 केवी ट्रांसफार्मर लगाया जा रहा है। जिसे सिर्फ एक सबमर्शियल चल सकता है। ऐसे में लोड अधिक होने से ट्रांसफार्मर आये दिन जल रहे हैं। लोगों के घरों में मोमबत्ती से भी कम उजाले बल्ब दे रहे हैं।
रात में ऑपरेटर के भरोसे सब स्टेशन
मनगवां विद्युत वितरण केंद्र में रात्रि के समय अगर पोल गिर जाए, तार टूट जाए तो उसे बनाने वाला कोई नहीं है। इतने बड़े सब स्टेशन में सिर्फ आॅपरेटर लाइन को बंद और चालू करने के लिये रहता है। लाइनमैन के नाम पर सिर्फ रजिस्टर में खानापूर्ति की जाती है। ना कोई लाइनमैन रहता और ना ही वरिष्ठ अधिकारी।
विद्युत विभाग में समय-समय पर ट्रांसफार्मर की लोड की चेकिंग होती है अगर लोड अधिक है। ट्रांसफार्मर कम केवी का है उसको जल्दी बदलवाया जाएगा। विद्युत स्टेशन पर निराकरण का शिविर लगाया जाता है और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि समस्याओं का निदान जल्द से जल्द करें।
बीके शुक्ला, अधीक्षण यंत्री रीवा