सिंगरौली में दशकों से पदस्थ एमपीआरडीसी के सहायक प्रबंधक पर भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण को बढ़ावा देने के गंभीर आरोप लगे हैं। फोरलेन और शहर की सड़कों की जर्जर हालत से जनता में भारी आक्रोश, स्थानांतरण की उठी मांग।
By: Yogesh Patel
Jul 22, 20259:21 PM
हाइलाइट्स
सिंगरौली, स्टार समाचार वेब
प्रदेश की सबसे बड़ी निर्माण एजेंसी के सिंगरौली जिले में दशको से पदस्थ सहायक प्रबंधक के क्रियाकलापो से नाराज जिले के लोगों ने शासन-प्रशासन से अन्यत्र हटाए जाने की मांग की है। जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश राज्य सड़क विकास निगम भोपाल द्वारा सिंगरौली जिले में एमपीआरडीसी निर्माण एजेंसी की देखरेख में समय सीमा और गुणवत्ता युक्त सड़क बनाये जाने सहायक प्रबंधक की पदस्थापना की गई है लेकिन जिले में दशको से पदस्थ सहायक प्रबंधक शासन प्रशासन की मंशा के ठीक बिपरीत कार्य कर रहा है। बताया जाता है कि विभाग की मंशा के बजाय ठेकेदारों का ज्यादा हिमायती साबित हो रहा है। सूत्रों के अनुसार सिंगरौली से सीधी फोरलेन का लगभग 12 वर्षो से निर्माण कार्य चल रहा है, जिसकी बदतर और दयनीय हालत किसी से छिपी नहीं है। जिसमे सहायक प्रबंधक महज ठेकेदारों का एजेंट बनकर रह गया है। जिससे शासन-प्रशासन की भारी किरकिरी हो रही है।
परसौना-निगाही मोड़ मार्ग बेहद घटिया
बताया जाता है कि जिला मुख्यालय में नगर निगम सिंगरौली क्षेत्र के परसौना से निगाही मोड़ तक की फोरलेन सड़क जिला खनिज मद से लगभग 40 करोड़ रूपये से ज्यादा लागत की सड़क निर्माण कराया गया। उक्त मार्ग की सड़क में भारी वाहनो के चलने से कही धस गई है, तो कही गड्ढे ही गड्ढे हो गए है। यह वाकया कई साल में नहीं हुआ बल्कि बनाने के कुछ माह में ही अपनी दुर्दशा का आंशू बहा रहा है जबकि इस मार्ग पर चलने वाले वाहन कब एक दूसरे वाहन से टक्कर मार दे कोई गारंटी नहीं है। उक्त मार्ग का थिकनेस इतना कमजोर है कि डामर कही और सरक गई तो लीक कही और नजर आती है। स्कूटी सवार महिलाओं के लिए नासूर सी साबित हो रही है, जो आये दिन गिरती परती नजर आती है। अभी भी कई जगह गड्ढों का नजारा देखा जा सकता है। ठेकेदार ने सड़क किनारे नाली भी नही बनाई, जिसे अब नगर निगम करोड़ों खर्च कर भरपाई कर रहा है।
दशकों से पदस्थ हैं सहायक प्रबंधक
बताया जाता है कि मप्र सड़क विकास निगम सिंगरौली का सहायक प्रबंधक समीर गोहर लगभग एक दशक से सिंगरौली में पदस्थ है। जबकि शासन की तबादला नीति में जिम्मेदार अधिकारियो,प्रबंधको का अधिकतम तीन साल में स्थानांतरण का प्रावधान किया गया है। लेकिन भोपाल में बैठे विभाग के अफसरों को भी नियम कानून से भी कोई सरोकार नजर नहीं आ रहा है, जो नियम कानून को ताक पर रखें हुए है। साथ नैतिकता की भी तिलाजलि देते नजर आ रहे है।
फोरलेन की प्रगति से लोगों में नाराजगी
मप्र सड़क विकास निगम की देखरेख बन रही सिंगरौली-सीधी फोरलेन की बदसूरत एवं दयनीय हालात से जिले के लोगों में निर्माण एजेंसी के जिम्मेदारो के प्रति भी बड़ी नाराजगी है। बताया जाता है कि उक्त अधिकारी विभाग को गोलमोल जानकारी भेजता है, जिसकी परिणति सड़क की बदसूरत हालात से जिले के लोग अजीज आ चूके है।
सहायक प्रबंधक को हटाने की मांग
जिले के लोगों ने मप्र सड़क विकास निगम सिंगरौली में दशको से पदस्थ सहायक प्रबंधक को तत्काल अन्यत्र हटाए जाने की पुरजोर मांग की है।