नेशनल हेराल्ड मामले में कोर्ट से गांधी परिवार को मिली राहत के बाद भोपाल में कांग्रेस ने बीजेपी दफ्तर का घेराव किया। पुलिस और जीतू पटवारी के बीच हुई झड़प, कार्यकर्ताओं पर वॉटर कैनन का प्रयोग।
By: Star News
Dec 17, 20254:58 PM
भोपाल। स्टार समाचार वेब
नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से कांग्रेस नेतृत्व को बड़ी कानूनी राहत मिली है। इस फैसले के बाद मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सियासी पारा चढ़ गया। बुधवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने भारी संख्या में बीजेपी कार्यालय का घेराव करने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी झड़प देखने को मिली।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हुजूम जैसे ही बीजेपी दफ्तर की ओर बढ़ा, पुलिस ने भारी बैरिकेडिंग कर उन्हें रोकने का प्रयास किया। जब कार्यकर्ता बैरिकेड्स पर चढ़ने लगे, तो स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। पानी की तेज बौछारों के कारण कई कार्यकर्ता सड़क पर गिर पड़े और उन्हें चोटें आईं।
प्रदर्शन के दौरान पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और पुलिस अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। पुलिस ने जब कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर बसों में बैठाना शुरू किया, तो पटवारी के इशारे पर कांग्रेसियों ने पुलिस की बस का ही घेराव कर दिया। इस प्रदर्शन में महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की चार्जशीट पर संज्ञान लेने से स्पष्ट इनकार कर दिया है। कोर्ट की महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ...
बिना FIR कार्रवाई संभव नहीं: कोर्ट ने कहा कि ED की चार्जशीट कानूनी रूप से मान्य नहीं है क्योंकि यह किसी बुनियादी FIR पर आधारित नहीं थी।
कानूनी आधार का अभाव: अदालत के अनुसार, प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की धारा 3 और 4 के तहत आरोप तभी टिक सकते हैं जब मामला किसी वैध FIR से जुड़ा हो।
नेताओं को राहत: तकनीकी आधार पर मजबूती न होने के कारण सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य नेताओं के खिलाफ पेश की गई ED की शिकायत को कोर्ट ने खारिज कर दिया।
यह विवाद साल 2012 में तब शुरू हुआ जब बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) और यंग इंडियन कंपनी के बीच हुए लेन-देन पर सवाल उठाए। आरोप था कि गांधी परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी 'यंग इंडियन' ने AJL के 90 करोड़ रुपये के कर्ज को अपने नाम कर करोड़ों की संपत्तियों का अवैध लाभ उठाया। ED इसी वित्तीय हेराफेरी की जांच कर रही थी।