मुर्शिदाबाद में बाबर के नाम पर बन रही मस्जिद ने मचाया सियासी बवाल। जानें क्यों धीरेंद्र शास्त्री ने दी 1992 दोहराने की चेतावनी और क्या है हुमायूं कबीर का नया राजनीतिक प्लान।
By: Ajay Tiwari
Dec 19, 20256:46 PM
कोलकाता/मुर्शिदाबाद: स्टार समाचार वेब
पश्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद जिला एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मियों का केंद्र बन गया है। मुगल शासक बाबर के नाम पर बनाई जा रही एक नई मस्जिद ने न केवल बंगाल, बल्कि पूरे देश की सियासत में उबाल ला दिया है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर द्वारा शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट पर अब आध्यात्मिक गुरु धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (बागेश्वर बाबा) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण की खबरों पर नाराजगी जताते हुए धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इसे देश का दुर्भाग्य बताया। उन्होंने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा, "अगर इस देश में दोबारा बाबरी बनाने की कोशिश की गई, तो भारत का हिंदू 1992 का इतिहास दोहराने से पीछे नहीं हटेगा।" उन्होंने इसे विदेशी आक्रांताओं की सोच को बढ़ावा देने वाली साजिश करार दिया और कहा कि बंगाल से लेकर कश्मीर तक हिंदुओं के खिलाफ बोलने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
इस मस्जिद की नींव रखने वाले हुमायूं कबीर ने दावा किया है कि मुस्लिम समुदाय इस नाम से भावनात्मक रूप से जुड़ रहा है। मस्जिद के निर्माण के लिए 300 करोड़ रुपये का विशाल लक्ष्य रखा गया है। अभियान शुरू होने के मात्र 11 दिनों के भीतर 5 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई जा चुकी है। नई मस्जिद का ढांचा पुरानी बाबरी मस्जिद के मॉडल से कहीं अधिक ऊंचा और चौड़ा रखने का खाका तैयार किया गया है।
हुमायूं कबीर केवल धार्मिक मोर्चे पर ही नहीं, बल्कि राजनीतिक मोर्चे पर भी नई बिसात बिछा रहे हैं। उन्होंने घोषणा की है कि वह 22 दिसंबर को अपनी नई राजनीतिक पार्टी का गठन करेंगे। उनका लक्ष्य 2026 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मुस्लिम बहुल सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारना है, जो कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
जुमे की नमाज के दौरान हजारों की भीड़ का जुटना यह संकेत देता है कि यह मुद्दा आने वाले दिनों में और अधिक तूल पकड़ेगा। एक ओर जहां इसे धार्मिक आस्था और पहचान से जोड़ा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इसे ध्रुवीकरण की राजनीति के रूप में देखा जा रहा है।