10 नवंबर 2025 सोमवार का विस्तृत पंचांग: मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि और पुष्य नक्षत्र का संयोग। जानें राहुकाल, अभिजीत मुहूर्त और शुभ योग का समय।
By: Ajay Tiwari
Nov 10, 20251:47 AM
हिंदू पंचांग के अनुसार, 10 नवंबर 2025, सोमवार का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। यह दिन भगवान शिव और चंद्र ग्रह को समर्पित होने के कारण, शुभ कार्यों और आध्यात्मिक साधना के लिए अनुकूल माना जा रहा है।
तिथि: इस दिन मार्गशीर्ष (अगहन) मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि रहेगी। षष्ठी तिथि अगले दिन 11 नवंबर को देर रात 12 बजकर 07 मिनट तक रहेगी, जिसके बाद सप्तमी तिथि का आरंभ होगा।
वार: सोमवार (Somwar)
मास: मार्गशीर्ष (अमांत) / कार्तिक (पूर्णिमांत)
नक्षत्र: इस दिन ज्योतिष में अत्यंत शुभ माने जाने वाले पुष्य नक्षत्र का विशेष संयोग बन रहा है। पुष्य नक्षत्र को 'नक्षत्रों का राजा' भी कहा जाता है और यह सभी प्रकार के शुभ कार्यों, खरीदारी और निवेश के लिए अति उत्तम माना जाता है।
योग: पंचांग के अनुसार, इस दिन साध्य योग रहेगा, जो लगभग दोपहर 12 बजकर 05 मिनट तक रहेगा। इसके बाद शुभ योग आरंभ होगा। ये दोनों ही योग शुभ और मंगलकारी माने जाते हैं।
करण: गर करण (दोपहर 12:57 तक), इसके बाद वाणिज्य करण।
सूर्योदय: प्रातः 06 बजकर 39 मिनट पर।
सूर्यास्त: सायं 05 बजकर 29 मिनट पर।
चंद्र राशि: चंद्रमा का संचार दिन भर कर्क राशि में रहेगा।
विक्रम संवत: 2082 (कालयुक्त)
शक संवत: 1947 (विश्वावसु)
ऋतु: हेमंत
किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले शुभ मुहूर्त और राहुकाल का ध्यान अवश्य रखना चाहिए।
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक। (यह दिन का सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है।)
अमृत काल: सायं 04 बजकर 31 मिनट से सायं 06 बजकर 02 मिनट तक।
ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04 बजकर 55 मिनट से प्रातः 05 बजकर 47 मिनट तक।
राहुकाल: प्रातः 08 बजकर 00 मिनट से प्रातः 09 बजकर 21 मिनट तक। (इस समय किसी भी नए या महत्वपूर्ण कार्य को शुरू करने से बचें।)
यमगण्ड: प्रातः 10 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 04 मिनट तक।