6 नवंबर 2025 का दैनिक पंचांग (गुरुवार)। जानें मार्गशीर्ष (अगहन) कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि, कृत्तिका नक्षत्र, शुभ-अशुभ मुहूर्त, राहुकाल और दिशा शूल। शुभ कार्य करने से पहले पूरी जानकारी देखें।
By: Ajay Tiwari
Nov 06, 20251:37 AM
स्टार समाचार वेब. धर्म डेस्क
6 नवंबर 2025, गुरुवार का दिन है और यह मार्गशीर्ष (अगहन) माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है, जिसके बाद द्वितीया तिथि का आरंभ होगा। यह दिन भारतीय पंचांग के अनुसार कई शुभ-अशुभ योगों और विशेष नक्षत्रों से युक्त है, जो आपके दैनिक कार्यों की दिशा निर्धारित करने में सहायक हो सकता है।
मास (पूर्णिमांत): मार्गशीर्ष (अगहन)
मास (अमांत): कार्तिक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
तिथि: प्रतिपदा - दोपहर बजे तक, तत्पश्चात द्वितीया
वार: गुरुवार
नक्षत्र: कृत्तिका - अगले दिन सूर्योदय पूर्व बजे तक (या कुछ पंचांगों के अनुसार रोहिणी)
योग: व्यतिपात - सुबह बजे तक, तत्पश्चात वरीयान
करण: कौलव - दोपहर बजे तक, तत्पश्चात तैतिल
सूर्योदय: प्रातः बजे
सूर्यास्त: सायं बजे
चंद्र राशि: मेष - सुबह बजे तक, तत्पश्चात वृषभ
चन्द्रोदय: सायं बजे
चन्द्रास्त: अगले दिन प्रातः बजे
शक संवत: 1947 (विश्वावसु)
विक्रम संवत: 2082 (कालयुक्त)
ऋतु: हेमंत
कोई भी शुभ कार्य करने से पहले इन मुहूर्तों पर विचार करना महत्वपूर्ण है।
शुभ मुहूर्त (अभिजीत मुहूर्त): दोपहर बजे से दोपहर बजे तक
राहुकाल (अशुभ समय): दोपहर बजे से दोपहर बजे तक
नोट: राहुकाल में कोई भी नया या शुभ कार्य आरंभ करना वर्जित माना जाता है।
यमगण्ड: प्रातः बजे से प्रातः बजे तक
गुलिक काल: प्रातः बजे से प्रातः बजे तक
दिशा शूल: दक्षिण
6 नवंबर का यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए उत्तम है, क्योंकि यह गुरुवार का दिन है। मार्गशीर्ष मास का आरंभ भी लगभग इसी समय होता है, जो धार्मिक कार्यों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है। शुभ कार्यों के लिए अभिजीत मुहूर्त का उपयोग करें और राहुकाल से बचें।