जानें उत्पन्ना एकादशी 2025 की सही तिथि (15 नवंबर), पारण समय, और भगवान विष्णु द्वारा एकादशी माता को दिए गए वरदान की पौराणिक कथा। व्रत शुरू करने का सबसे शुभ दिन।
By: Ajay Tiwari
Nov 06, 202510:54 AM
धर्म डेस्क, स्टार समाचार वेब
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है, और नवंबर माह में मनाई जाने वाली उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi) को अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी पवित्र तिथि पर एकादशी माता का जन्म हुआ था, इसीलिए इस दिन से एकादशी का व्रत आरंभ करना बेहद फलदायी माना जाता है।
मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने एकादशी माता को यह आशीर्वाद दिया था कि जो भी व्यक्ति यह व्रत करेगा, उसके पूर्वजन्म तक के पाप नष्ट हो जाएंगे और उसे मोक्ष की प्राप्ति होगी। इस पावन दिन भगवान विष्णु का विधिवत पूजन और उन्हें फलों का भोग लगाना चाहिए।
| विवरण | तिथि/समय |
| उत्पन्ना एकादशी व्रत | 15 नवंबर 2025, शनिवार |
| एकादशी तिथि प्रारम्भ | 15 नवंबर 2025 को 12:49 AM बजे |
| एकादशी तिथि समाप्त | 16 नवंबर 2025 को 02:37 AM बजे |
| उत्पन्ना एकादशी पारण समय | 01:10 PM से 03:18 PM (16 नवंबर 2025 को) |
| हरि वासर समाप्त होने का समय | 09:09 AM (16 नवंबर 2025 को) |
पारण (व्रत खोलने) का समय सुनिश्चित करने के लिए 'हरि वासर' की समाप्ति पर ध्यान देना आवश्यक है।
पौराणिक कथा के अनुसार, सतयुग में मुर नामक एक बलशाली राक्षस था, जिसने अपने पराक्रम से स्वर्ग पर अधिकार कर लिया था। देवताओं ने निराश होकर भगवान विष्णु से प्रार्थना की। भगवान विष्णु और राक्षस मुर के बीच कई वर्षों तक भीषण युद्ध चला।
युद्ध के दौरान जब भगवान विष्णु को विश्राम की आवश्यकता हुई, तो वे एक गुफा में जाकर सो गए। राक्षस मुर ने इसी अवसर का लाभ उठाकर उन पर आक्रमण करने का प्रयास किया। तभी, भगवान विष्णु के शरीर से एक दिव्य कन्या उत्पन्न हुई।
इस कन्या ने अपनी शक्ति से राक्षस मुर से युद्ध किया और उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। जब भगवान विष्णु की नींद खुली, तो उन्होंने उस कन्या के पराक्रम को देखकर प्रसन्न होकर उसे एकादशी नाम दिया और वरदान दिया कि आज के दिन जो भी तुम्हारा व्रत करेगा, वह सभी पापों से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त करेगा।