9 अगस्त, शनिवार को 297 साल बाद रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि योग और शुभ योगों का महासंयोग बन रहा है। जानें इस दुर्लभ संयोग का महत्व, राखी बांधने के शुभ मुहूर्त और खरीदारी के लिए खास समय।
By: Star News
Aug 08, 2025just now
स्टार समाचार वेब. ज्योतिष डेस्क
इस साल का रक्षाबंधन पर्व बेहद खास होने जा रहा है। 9 अगस्त, शनिवार को 297 साल बाद योगों का ऐसा दुर्लभ महासंयोग बन रहा है, जो इस दिन को और भी शुभ बना रहा है। सबसे खास बात यह है कि इस बार राखी पर भद्रा का साया नहीं रहेगा, जिससे बहनें सुबह से लेकर रात तक किसी भी समय अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकेंगी।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, श्रावणी पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि योग, सौभाग्य योग और शनि श्रवण योग का महासंयोग रहेगा। ये योग आमतौर पर एक साथ नहीं आते हैं। इसके अलावा, 297 साल बाद ऐसा हो रहा है कि आठ ग्रह ऐसी शुभ राशियों में विद्यमान हैं, जो सुख-समृद्धि प्रदान करने वाली मानी जाती हैं।
यह दिन श्रावणी उपाकर्म और श्रावण पूजन के लिए भी बहुत श्रेष्ठ माना जा रहा है। इस शुभ मुहूर्त में खरीदारी करना भी बेहद फलदायी होगा। सोना, चांदी, आभूषण, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स, वस्त्र और सौंदर्य उत्पाद जैसी चीजें खरीदना शुभ रहेगा।
राखी बांधने के शुभ मुहूर्त:
सुबह 7:30 से 9:00 बजे तक (शुभ)
दोपहर 12:00 से 1:30 बजे तक (चंचल)
दोपहर 1:30 से 3:00 बजे तक (लाभ)
दोपहर 3:00 से शाम 4:30 बजे तक (अमृत)
शाम 6:00 से 7:30 बजे तक (लाभ)
रात 9:00 से 10:30 बजे तक (शुभ)
श्रावण पूजन का मुहूर्त: ज्योतिर्विद पं. हरिहर पंड्या ने बताया कि श्रावण पूर्णिमा पर सुबह 7:30 से 9:00 बजे तक और दोपहर 12:00 बजे से शाम 4:30 बजे तक पूजन के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा।
उज्जैन के ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रावणी पूर्णिमा पर तड़के 3 बजे भस्म आरती के दौरान सबसे पहले रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। भगवान महाकाल का विशेष श्रृंगार कर पुजारी परिवार की महिलाएं उन्हें राखी बांधेंगी। इसके बाद सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाकर आरती की जाएगी और दिनभर भक्तों में प्रसाद बांटा जाएगा।